गुरु पूर्ण भगवान

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* शिक्षक दिवस विशेष……….. मात-पिता नेजन्म दिया,गुरु ने दिया है ज्ञान-गुरु ही पूर्ण भगवान। गुरु ही मेराब्रह्मा,विष्णु,गुरु ही शिव का ध्यान-गुरु ही पूर्ण भगवान। गुरु से ऊँचाऔर न…

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अपनी बहना को न भुलाना तुम

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. कच्चे धागों कापक्का बन्धन,पर्व है येरक्षाबंधन।बांधी है,भाई कीकलाई पे,बहना नेप्यार और,विश्वास कीमज़बूत डोर।अंतर्मन कीगहराइयों से,निकलती हैंलाख दुआएं,युग-युग जिएमेरा प्यारा बीर।एक हीआँगन में तो,खेले हैं…

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बारिश का मौसम

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* बारिश का,मौसम आया हैबूंदों ने गीतसुनाया है।रिमझिम का,नाद सुनाती हैसाजन की,याद दिलाती हैlज़ालिम ने,बड़ा सताया हैबारिश का,मौसम आया है।धुल गए हैं चेहरे,फूलों केदिन आ गए हैं,झूलों के,ये…

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अपनापन चाहिए

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* वर्तमान देश काऐसा है तो,भविष्य कैसा होगा ?सूनी आँखों में,लाचारी लिएन जाने क्या ढूंढ़ते हैं ?सूखे होंठकहना चाहते हैं,पर कौन सुनेगा इनकी ?ग़रीबी की,कोख़ के पालेचलते हैं,अभावों…

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स्वतंत्रता की वेदी का अंगारा रहे महाराणा

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. बप्पा रावल,महाराणा कुम्भा,राणा सांगा जैसे महान सूरमाओं के राजवंश से थे महाराणा उदयसिंह। पन्ना धाय ने अपने पुत्र चन्दन…

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ख़ालीपन

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* कैसा बरपा, कहर वबा का ? सूना शहर, सड़कें ख़ाली हैं। हालत बुरी मुफ़लिसों की देखो, ख़ाली पेट और ज़ेब ख़ाली है। ख़ाली दिन है…

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संवेदनहीन मानव

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* सुन्न-सा हो गया है आज मानव, सम्वेदनाओं को मार गया है लकवा। मृतप्रायः सी हो गयी है भावनाएं, न आभास है फूलों की महक का,…

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निर्धारित है

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* संसार में, मेरे चाहने न चाहने से, कुछ नहीं होता। मैंने नहीं चाहा, द्रौपदी का चीर हरण हो पर हुआ। क्या मैंने चाहा था, सीता…

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जीने का मज़ा लीजिये

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* जिस दर्द की कोई दवा नहीं, दुआ कीजिये। माना ग़ज़ब की है ये बला, अपने बुलन्द हौंसलों से, हवा का रुख़ बदल दीजिये। न घर…

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इंसान बनो

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* इंसान हो तो इंसान में, इंसानियत की कमी कैसी ? लब पे आह, आज हर आँख की कोर पे, नमी कैसी ? आग मज़हब की,…

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