बहुत सितमगर हो…

प्रिया सिंह लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************** तन्हाइयों के पन्नों को अश्कों से सजाया होगा, एक दीप को रातभर आँखों से जलाया होगा। बहुत संगदिली आ गई जाने क्यों उसके अंदर, उसे किसी…

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सही उपयोग करो जल का

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** धरती सब सूख गयी, कहाँ से हरियाली आएगी ? बूंद-बूंद पानी को तरसे, कैसे हरियाली छाएगी ? जगह-जगह पर खुदे कुआँ, जगह-जगह गडढे किए।…

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गुड़िया की होली

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** रंग-बिरंगे सभी ओर जी,हरियाली है छाई, फागुन की होली है देखो,गुड़िया रंग है लाई। घूम-घूम के खेले होली,सबको रंग लगाया, पापा के संग गुड़िया…

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आया बसंत

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** आया बसन्त का राजा है,झूम उठे हरियाली, पेड़ों पर बैठे हैं पंछी,चहके डाली-डाली। मौर आ गए आमों पर,महक लगे सुहानी, गीत गाते बच्चे सारे,दादी…

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आज अपना बसेरा बनाया

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** देखो माँ मैंने आज अपना बसेरा बनाया, तिनका-तिनका जोड़-जोड़ अपना घर बनाया। कभी भूखा न रहने देती,खाना रोज लाती थी, तुम नहीं खाती थी…

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तिरंगा हम फहरायेंगे

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** तीन रंगों से बना तिरंगा,आज उसे फहराएंगे, देखो भारत की चोटी पर,शान से हम लहरायेंगे। नहीं झुकने देंगे तिरंगा,इसका मान बढ़ाएंगे, वीर सपूतों के…

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कछुआ और खरगोश

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** कछुए और खरगोश में, हुई बढ़िया रेस। बहुत घमण्डी था खरगोश, मारता था वह टेस। दोनों में एक बात चली, चलो लगाएँ रेस। हाथी…

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शरद पूर्णिमा मनाएंगे

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** `शरद पूर्णिमा` मनाएंगे,घर में खीर बनाएंगे, अमृत बरसेगा खीर में,मिल-बांट कर खाएंगे। चाँद की रौशनी से,सारा जग जगमगाएगा, सोलह कला से पूर्ण हुआ,अमृत वह…

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दीप जलाएं

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** आओ साथियों दीप जलाएं, मिलकर हम खुशियां मनाएं। दीपक से रौशनी जगाएं, अंधियारे को दूर भगाएं। एक-एक दीप जलाकर हम, जग में उजाला लाएं।…

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हे वीणा वाली

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** वीणा वाली शारद मैया,हमको दे दो ज्ञान, नन्हें-नन्हें बच्चे हैं हम,करें आपका ध्यान। चरणों में हम शीश झुकाते,करते हैं सम्मान, हाथ जोड़ कर विनती…

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