बहुत सितमगर हो…
प्रिया सिंह लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************** तन्हाइयों के पन्नों को अश्कों से सजाया होगा, एक दीप को रातभर आँखों से जलाया होगा। बहुत संगदिली आ गई जाने क्यों उसके अंदर, उसे किसी…