मूलमंत्र आजादी

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) ************************************** आत्मबल अंतर में रख जिसने स्वतंत्रता दिलाई थी,गौरों को सबक सिखाकर जिसने वीरता दिखाई थी। आज़ादी जिसका मूलमंत्र कसम देश की खाई थी,नेताजी संग नौजवानों ने ली तब अंगड़ाई थी। दूर फिरंगियों को करने की ताकत तभी दिखाई थी,बोस के भाषण से अंग्रेजी शासन की नींद उड़ आई थी। जापान में … Read more

इंद्रधनुषी रंग

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** अंतर के दर्पण में नव मीत बनाना बाकी है,नव सृजन कर छंदों का नवगीत सजाना बाकी है। दुनिया के मिथ्या झगड़ों से खुद को बचाना बाकी है,रूढ़ियों और कुरीतियों से लड़ना अब भी बाकी है। विश्वासों के भंवर जाल में जीना-मरना बाकी है,असली और नकली चेहरों में अंतर करना बाकी है। … Read more

कर लें स्वागत वन्दन नव का

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** कौन जियेगा कितने दिन तक,होता है यह तय नहींl शर शैया पर भीष्म पितामह,का भी होता समय नहींl आया समय बिताया लेकिन,बीत गयी जो बात गयी, अरूणोदय के साथ सुबह भी,शाम बनी वह रात गयीl पल-पल लड़ते रहे समय से,तनिक हमें था भय नहींl शर शैया पर… दु:ख की काली रात … Read more

नए वर्ष के नए संकल्प

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** लो आ गया नूतन वर्ष,दिल से करें सभी दो हज़ार बीस का अभिनन्दन। ठिठुरती ठंड में गरीबों को कम्बल बांटते समाजसेवी नेताओं की सोशल मीडिया पर सेल्फी दिखने लगी। कहीं मोमबत्ती जलाकर बेटी की तस्वीर को लिए शहर में `बेटी बचाओ` के नारे लगाता जनसमूह दिखाई देता है। जीएसटी,धारा ३७०, भारत-पाक … Read more

मैं हवस का कौर क्यों..

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना………… क्या कहो अपराध मेरा,मैं हवस का कौर क्यों, चीखती सित्कारती मैं,सुन न पाते शोर क्यों ? जब मरी नवयौवना,उदगार उसने यह कहे, मानते देवी अगर तुम,फिर न बदला दौर क्यों। ले मशालें चल पड़े हैं,लोग सड़कों पर खड़े, मांगते इंसाफ लेकिन,हो रहा फिर और क्यों। पाप करते भी … Read more

रिश्ते-नाते

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** संबंधों के इस आँगन में,क्या तेरा क्या मेरा है, रिश्तों के पावन दामन में,छाया द्वेष घनेरा हैl जिसको हमने हमदम माना,भाई अरि सम बैठ गया, देख मांग सिन्दुर वधू का,पोंछ वही तो जेठ गयाl दो कौड़ी में बिकती दुनिया,नाते सब बेकार हुए, सिर्फ दिखाऊ मेजबान हम,रिश्ते सब व्यापार हुएl भरे पेटियां … Read more

धुंध में लिपटी राजधानी

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** दीपावली के तीन दिन बाद हमारे देश की राजधानी दिल्ली धुंध के काले आवरण से ढँक चुकी थी। दिल्ली में पिछले कुछ वर्षों से प्रदूषण की दर बढ़ती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार १६०० बड़े शहरों में दिल्ली प्रदूषण में सबसे आगे है। भारत में दिल्ली के अलावा … Read more

कायदा तो है नहीं

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** बढ़ रहे हैं भाव लेकिन फायदा तो है नहीं। भेड़ की हम चाल चलते कायदा तो है नहीं। बस गिरे औ उठ रहे हैं आज शेयर देख लो, अब रहा बाज़ार में वह वायदा तो है नहीं। लेप कर सौन्दर्य साधन सज रही हैं यौवना, मान को जो मान देती वह … Read more

मिलन के पर्व दीपावली का आध्यात्मिक महत्व

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** कार्तिक मास की अमावस्या को हम प्रतिवर्ष दीपावली का त्योहार मनाते हैं। भगवान श्री रामचन्द्र जी चौदह वर्ष के वनवास के बाद वापस इसी दिन अयोध्या लौटे थे। इसी खुशी से अयोध्या की प्रजा ने घी के दीप जला कर रोशनी की थी। भगवान के अवध पधारने के लिए उनका स्वागत … Read more

`जनता के राष्ट्रपति` भारत रत्न अब्दुल कलाम की यादों का गुलदस्ता

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** १५ अक्टूबर जन्मदिवस विशेष…………….. मिसाइल मैन,देश के प्रसिद्ध अभियन्ता व भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म १५ अक्टूबर १९३१ को धनुष कौड़ी ग्राम रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था। वे एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में जन्मे थे। इनके पिताजी मछुआरों को नाव किराये पर देने का काम करते थे। … Read more