प्रेम की धारा

भानु शर्मा ‘रंज’ धौलपुर(राजस्थान) ***************************************************************** समंदर-सा हृदय समझकर जो तेरा, प्रेम की धारा बहा दी बडे़ चाव से छीन रहा है महक देखिये तो मधुप, खिलते हुए कोई प्रीत के…

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माँगता हूँ साथ तेरा ओ प्रिये

भानु शर्मा ‘रंज’ धौलपुर(राजस्थान) ***************************************************************** माँगता हूँ मैं शिवा से,साथ तेरा ओ प्रिये, जिंदगी की साँस मेरी,मीत है तेरे लिये। थाम के तू हाथ मेरा,जिंदगी की चल डगर, मैं मुसाफिर…

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ग़म का विष कोई पीना नहीं चाहता

भानु शर्मा ‘रंज’ धौलपुर(राजस्थान) ***************************************************************** प्रीत की सुधा सबको चाहिए मगर, ग़म का विष कोई पीना नहीं चाहता। इश्क में डूबने की बात करते बहुत, कोई तूफां से लड़ना नहीं…

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चूम के वो मंजिलों को…

भानु शर्मा 'रंज' धौलपुर(राजस्थान) ***************************************************************** चूम के वो मंजिलों को,पाँव वसुधा पर नहीं, आदमी बदला कि जैसे,वक्त का भी डर नहीं। जी रहा वो जिंदगी यों,खो असल निज नाम को,…

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