न कोई खजाना काम आएगा

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)************************************ ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… जल ही जीवन का आधार है,ये बात समझ ले ए मानव!यूँ ही न इसे तू व्यर्थ कर,बनकर पृथ्वी का दानव। न सोना,न चाँदी,न कोई खजाना काम आएगा।कंठ सूखेगा जब तेरा,ये जल ही प्यास बुझाएगा। जल से जगमग,नदिया सागर,जल से ही खेत-खलिहान।जल से ही जंगल में मंगल,जल से … Read more

दिल के किसी कोने में

रौशनी अरोड़ा ‘रश्मि’ दिल्ली ********************************************* काव्य संग्रह हम और तुम से कहीं लग जाए न नज़र,तुझे किसी की दिलबरइसलिए छुपा रखा है तुझे,मैंने दुनिया की नज़रों से,दिल के किसी कोने में। कहीं कोई ओर इस जहाँ में,तुझे चुरा न ले जाए मुझसे,दुनिया में सबसे हसीं है तूइसलिए बसा लिया है मैंने,तेरी सुंदर-सी छवि को दिलबरअपने … Read more

क्या यही हमारी रीत ?

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)************************************************ नव वर्ष नये साल का कैसे मनाऊँ जश्न,क्या यही हमारी रीत है ? मन में उठता है प्रश्न।सोचिए,विचारिए,करिए तनिक चिंतन… देख नयन में नीर भरे हैं,ये किस राह पर हम चले हैंये नहीं हमारी संस्कृति है,ये भेड़-चाल की विकृति हैदेख देश की हालत को,मन मेरा करता है रुदन।सोचिए,विचारिए,करिए तनिक चिंतन… नवरेह की धूप … Read more

सर्दी का क्या खूब मज़ा

रौशनी अरोड़ा ‘रश्मि’  दिल्ली ********************************************* वाह भई वाह! वाह भई वाह,वाह भई वाह! वाह भई वाहसर्दी का क्या खूब मज़ा,वाह भई वाह! वाह भई वाह। दाँत कँप-कँपा रहे हैं और,हाथ भी ठिठुर रहे हैंफिर भी हम तो सर्दी की,ठंडी-ठंडी हवा में यारोंआग जलाकर मिल-जुल केगर्मा-गरम मूंगफली खा रहे हैं।है इसका भी यारों अपना,सर्दी में क्या … Read more

लाड़ला

रौशनी अरोड़ा ‘रश्मि’  दिल्ली ********************************************* तू तो मेरा सबसे लाड़ला बेटा है,भावों विचारों से तू मेरे जैसा हैमाँ मैं तुम्हारी हूँ तुझपे ही वारी हूँ,है तू बेटा मेरा लाड़ला…l चाँद-सा बेटा मुखड़ा तेरा है,तू तो मेरे जिगर का टुकड़ा हैतू बड़ा प्यारा है,सबसे तू न्यारा है,है तू बेटा मेरा लाड़ला…l दिल से जुड़ा तेरा मेरा … Read more

ममता की छाँव

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************** तूफानी लहरों में,वो बन जाती थी मेरी नाव,बहुत याद आती है आज भी, वो ‘ममता की छाँव।’ज़िन्दगी नासूर बनकर,चुभने लगी है ‘माँ’-आ जाओ लौटकर ना,भर दो मेरे घाव॥ याद है अब भी,तुम्हारे हाथों का सिरहाना,जन्मदिन पर मेरे,वो खीर-पूड़ी खिलाना।अब तुम बिन दर्द से,लड़ना सीख रही हूँ ‘माँ’-जानती हूँ कैसे,एक मुस्कान से हजार आँसू … Read more

हिन्दी-सी ज़िंदगी

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************** हिंदी दिवस विशेष….. हिन्दी-सी परिभाषित,होती है ज़िन्दगी।भावों और विचारों को,लिखती-बोलती है ज़िन्दगी। मनुष्य वर्ण, परिवार शब्द, समाज वाक्य,और देश,किताब-सी होती है ज़िन्दगी। किसी का गरीबी में आटा गीला,तो किसी की पांचों उँगलियाँ घी में।मुहावरों से छुपे अर्थ-सी होती है ज़िन्दगी। उपसर्ग बनने की होड़ में,प्रत्यय बन जाती, नित-नये विराम चिन्हों से नियमितहोती है … Read more

हम आजाद हुए!

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************************* मेरे देश तुझे आज़ाद हुए,कहने को ७३ साल हुए हैं।पर आज भी कितनी जंजीरों में,हम भारतवासी जकड़े बैठे हैं।मन में आता एक ही प्रश्न-क्या सचमुच,क्या सचमुच हम आज़ाद हुए… ? आज भी प्रेम से हमारे देश में,हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख,इसाई रहते हैं।धर्म-जाति के जाल में उलझे,फिर किस जुबान से खुद को हम,हिन्दुस्तानी कहते हैं।क्या सचमुच,क्या सचमुच … Read more

भक्तिकाल के कवि महान

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************************* महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष (तर्ज-मंगल भवन अमंगल हारी…) हृदय में जिनके राम का वास,रामबोला वो तुलसीदास।भक्तिकाल के कवि महान,वो थे महाकवि तुलसीदास।राम सिया राम सिया राम जय जय राम…ll आत्माराम पिता,माता हुलसीश्रावण सप्तमी जन्मे तुलसी।जन्म समय ३२ थे दाँत,वो थे महाकवि तुलसीदास।राम सिया राम सिया राम जय जय राम…ll … Read more

सावन और बचपन

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************************* आज शाम से ही मूसलाधार बारिश हो रही है। सड़कों पर धीरे-धीरे पानी भरना शुरू हो गया है। टी.वी. पर भारी बारिश की चेतावनी की खबर आ रही थी। मेरे १० वर्ष के बेटे ने सहसा ही मुझसे पूछ लिया-“मम्मी जो लोग सड़कों पर रहते हैं,जिनके घर नहीं हैं वो लोग क्या करेंगे … Read more