अमर शहीदों को श्रद्धांजलि

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** पुलवामां के अमर शहीदों की कुर्बानी याद करो,आँखों में अंगारे रक्खो दिल से यूँ ना आह भरो।किया पाक ने जो कुकर्म था बदला अभी चुकाना है,चौदह…

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मेरी कल्पना

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************* नए साल में नई उमंगें,जैसे नया जमाना होगाबीत जाएगा साल पुरानागुज़रा हुआ फ़साना होगाl तड़प रहे थे इतने दिन से,डरते-डरते समय गुजाराकब जाएगा ये कोरोनाकब आएगा…

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नूतनता जरूरी है

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’मोहाली(पंजाब) ************************************************** घनघोर तिमिर में नया विहान जरूरी है,हर पतन पश्चात नया उत्थान जरूरी है।संघर्षों से लड़कर ही हर समाधान मिलेगा,विषादों के नीड़ों में नई मुस्कान जरूरी है॥ नया…

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बिदाई

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** (रचनाशिल्प:तर्ज-चलो रे डोली उठाओ कहार) लाड़ों से हमने पाला है तुम्हें,फूलों की तरह संभाला तुम्हेंतुम पर अब अपना तो जोर नहीं है,वो है ससुराल कोई और…

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माँ की नज़र में बेटा-बेटी

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** आँगन की फुलवारी को महकाती हैं बेटियाँ,माँ की बहुत दुलारी हो जाती हैं बेटियाँ। बेटा-बेटी होते माँ की आंख के तारे,घर में सभी पे प्यार लुटाती…

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हिन्दी की पहचान दिखनी चाहिए

  शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ***************************************************************** शान हिन्दी की सदा ऊँची ही रहनी चाहिए,मुँह से जब निकले तो ये सरिता सी बहनी चाहिए। बात जो कहनी है तो उपयोग हिन्दी का…

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फिर ये शुभ घड़ी आई

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. आजादी का दिवस लौट कर एक बार फिर आया है,कितना हाहाकार मचा था हमको याद दिलाया है। छोड़ गये अँग्रेज थे भारत…

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हे मात शत्-शत् तुम्हें प्रणाम

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** हे मात भारती करूँ शत्-शत् तुम्हें प्रणाम,खेला हूँ तेरी गोद में आँचल को तेरे थाम। माँ तेरे प्यार का कोई भी मोल नहीं है,मेरे लिए तो…

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वीर योद्धा

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’मोहाली(पंजाब) ********************************************************************** विचारों का जगत यह सबके अपने विचार,इसी से चली दुनिया,फिर चलती बातें चार। विचार ना सबके एक से होते,ना सबकी बात,कहीं मिलती सहमति कहीं विरोध की रात।…

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महासंग्राम में रचनाकारों ने दी शानदार प्रस्तुति,किया सम्मानित

मधुपुर(झारखंड)। अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संगम-साहित्योदय द्वारा आयोजित साप्ताहिक परिचर्चा सह अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन 'साहित्योदय साहित्य संग्राम' का सातवां अंक शानदार रहा। इसका उदघाटन प्रसिद्ध ओज कवि बेबाक़ जौनपुरी ने किया।…

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