मौसम बदलेगा

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** मत हो तू मायूस परिंदे,मौसम बदलेगा,होगा फिर आबाद चमन,ये,फिर से महकेगा। वक़्त जो रूठा,साथ जो छूटा अपनों का,बेज़ार न हो,आएगी फिर सहर,ये आँगन फिर से चहकेगा। बर्ग शज़र से टूटा करते,इससे तू नाशाद न हो,बरसेंगे फिर अब्र,ये दरख़्त फिर से लहकेगा। इन्क़िलाब की चिनगारी जो सुलगी,वो बेकार न हो,बदलेगा … Read more

जीवन है ‘शिव’

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** शिव जीवन है,शिव मरण हैशिव सत्य है,शिव सनातन है। शिव ओ३म है,शिव वेद हैशिव विधान है,शिव गीत है। शिव नाद है,शिव धरा हैशिव व्योम है,शिव नदिया है। शिव महासागर है,शिव शिला हैशिव शिखर है,शिव रस है। शिव स्वाद है,शिव वन हैशिव मन है,शिव ज्ञान है। शिव विज्ञान है,शिव शक्ति हैशिव भाक्ति … Read more

चीन की गुस्ताखी माफ नहीं

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************** छल पे छल करता चीनी,अब बातों में ना आएंगे,गहरी चालों के भ्रम जालों में हम ना पड पाएंगे। मित्रता का ढोंग रचाता साजिशें करता जाता है,बातें इस की झूठी सारी बस भरमाता जाता है। इसके मीठे बोलों में हम हरगिज आ ना पाएंगे,सीमाओं पर कदम बढ़ाया,इसको मजा चखाएंगे। बुझदिल और कायर है … Read more

पहुँच जाने दो हमें गाँव

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* हम सड़कों पर सैर करने नहीं निकले हैं साहब, हम गाँव जाना चाहते हैं मेरी पत्नी के पेट में, बहुत दर्द है उसे थोड़ा विश्राम चाहिए। मेरा शिशु भूखा है बहुत, उसकी माँ के स्तन में दूध नहीं बचा है, चलते-चलते मांसपेशियां छिल गयी है। पड़ गए हैं पैरों में … Read more

माँ का आँचल

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ************************************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. r हर आँचल लगता है,ममता का आँचल, याद बहुत आता मुझको माँ का आँचल। कभी ओढ़ना,कभी बिछौना, फूलों की चादर-सा कोमल कोमल। याद बहुत आता मुझको माँ का आँचल… धरा सा शांत,गगन-सा विस्तृत, लगता है ठंडी बयार-सा शीतल शीतल। याद बहुत आता मुझको माँ … Read more

जर्जर नौका गहन समंदर

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* मँझधारों में माँझी अटका, क्या तुम पार लगाओगी। जर्जर नौका गहन समंदर, सच बोलो कब आओगी। भावि समय संजोता माँझी, वर्तमान की तज छाया अपनों की उन्नति हित भूला, जो अपनी जर्जर काया क्या खोया,क्या पाया उसने, तुम ही तो बतलाओगी। जर्जर…ll भूल धरातल भौतिक सुविधा, भूख प्यास निद्रा भूलाl रही … Read more

रोला छंद विधान

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* साहित्य की पाठशाला …………. (रचना शिल्प:रोला छंद २४ मात्रिक छंद होता है। विषम चरणों में ११ मात्रा और चरणांत २१ से होता है। सम चरणों में १३ मात्रा और चरणांत २२ से होता है। समचरणांत में २२ का विकल्प:-११२,२११,११११ भी मान्य है। दो,दो सम चरणों में समतुकांत हो।) उदाहरण…. . तिरंगा … Read more

मोहब्बत

मदन मोहन शर्मा ‘सजल’  कोटा(राजस्थान) **************************************************************** वो कहते हैं- मोहब्बत ज़िन्दगी है, मोहब्बत बंदगी है मोहब्बत फूलों की सेज है, मोहब्बत अरमानों,ख्वाबों की परवाज़ है। मोहब्बत दीवानगी की पाठशाला है, मोहब्बत दो दिलों की प्रेमशाला है और भी न जाने क्या-क्या ? हकीकत तो यह है- मैंने मोहब्बत को, रात के अंधेरों में जार-जार सिसकते, रोते, … Read more