जीतना है…
कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’इन्दौर मध्यप्रदेश)********************************************* आंधी-तूफान-अच्छा है कोरोना से,दिखता तो है। ढूंढना मत-कोई गुनहगार,कोरोना तो है।मन का बोझ-मत बनाना इसे,मारा जाएगा।टूटना नहीं-कोरोना को तोड़ना,करना योग।सुन कोरोना-मन है विचलित,अब हो विदा।इंसान बड़ा-अदना-सा कोरोना,झटक इसे।लाल ना कर-केशरिया तिरंगा,घर में रह।हाँ,कोरोना तो-आँसू ही बहाएगा,परदेशी है।कोरोना होगा-इस तन से हवा,हो मजबूत।इधर देख-कोरोना हार गया,और मैं जीता। परिचय–कार्तिकेय त्रिपाठी का उपनाम … Read more