चमक रहा है भारत

वर्षा तिवारीमुम्बई(महाराष्ट्र)*************************************** बदल रहा है भारत,नई-नई तकनीकीयों के बीचअपने-आपमें निखर रहा है भारत।मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक,अपनी उड़ान भरकरचमक रहा है भारत।विमुद्रीकरण को लाकर,भ्रष्टमुक्त देश की ओरबढ़ रहा है भारत।ज़माखोरों पर…

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तो बेजान होता संसार

वर्षा तिवारीमुम्बई(महाराष्ट्र)*************************************** रोशनी अगर न होती तो,सारे जग में छा जाता घोर अंधकाररोशनी अगर न होती तो,कैसे पाते हम सूरज का प्यार ?न टिमटिमाते तारे,नीले नभ में सारेन पहुँचाता खुशियाँ,बच्चों…

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जाड़े की भोर

वर्षा तिवारीमुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** वर्षा की बूँदों से अभिषेक हुआ,इंद्रधनुष ने आसमान को छुआपंछियों की चहचहाहट ने किया शोर-एहसास हुआ,आ रही है जाड़े की भोर। बूँदों के बाणों का खत्म हुआ पथ,धरती…

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