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तो बेजान होता संसार

वर्षा तिवारी
मुम्बई(महाराष्ट्र)
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रोशनी अगर न होती तो,
सारे जग में छा जाता घोर अंधकार
रोशनी अगर न होती तो,
कैसे पाते हम सूरज का प्यार ?
न टिमटिमाते तारे,
नीले नभ में सारे
न पहुँचाता खुशियाँ,
बच्चों का चंदा मामा।
पौधे न निकलते,
न सुंदर फूल खिलते।
रोशनी अगर न होती,
तो बेजान होता यह संसार॥
ooooooo

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