जाड़े की धूप

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* कितनी प्यारी लगती है जाड़े की ये धूप, थर-थर काँपें,सूरज दादा जब जाते छुप। सुबह कुहरा आया था,घुप्प अंधेरा छाया था, बहुत दिनों में आज खिला है,अम्बर का ये रूप। कितनी प्यारी लगती है,जाड़े की ये धूप॥ लुका-छिपी खेल रहे,बादलों बीच डोल रहे, सूरज दादा फैला रहे,जग में … Read more

मर्यादा

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* मर्यादा के मायने बदल गए, गैरों के क्या,अपनों के रास्ते बदल गए। पकड़ के ऊँगली चलना जिन्हें सिखाया, सीख के चलना,चाल बदल गएll बहू-बेटी क्या,बेटा भी सर झुकाता था, पहले बच्चे-बुजुर्ग,बाद मैं खुद खाता थाl बाहर खाकर आयेंगें,अपना देख लेना,कह कर चले गए, मर्यादा के मायने बदल गएll … Read more

असुरक्षित बेटियाँ

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* हैदराबाद घटना-विशेष रचना………….. क्यों सो रहे हो कृष्णा,कलयुग के इस आँगन में, पनप रहे क्यों दुर्योधन,भारत माँ के आँचल में। कहाँ गया सुदर्शन चक्र तुम्हारा,कहाँ गयी वो धार, गीता के छंदों में क्या रहा नहीं चमत्कारll क्या कोई बेटी खड़ी न हो सकेगी समाज में, क्या गलती की … Read more

विवाह

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* सृष्टि से पहले न मानव था न जीव, किसने जाना कैसे जन्म हो मानव का॥ किसने जानी प्रीत ? कौन किससे प्रेम करे,किसको बनाये मीत॥ था मुश्किल में ईश्वर,समय रहा था बीत, देख प्रकृति की मोहकता,मन में जगाई प्रीत। एक बनाई नार अलबेली,एक प्यारा-सा मीत, प्रेम जगाया हृदय … Read more

नारी तू सिर्फ एक नारी है

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* तुम भूल गए पुरुषत्व मोह में,नारी की भी कुछ सत्ता है… तुम पुरुष हो ये माना सशक्त हो लौह तन तुम्हारा मन भी कठोर हो गया, अपनी कठोर शक्ति का तुझे अहंकार हो गया, नारी की कोमलता को मान कमजोरी पुरुषत्व मोह हो गया। कोमल हैं कमजोर नहीं,शक्ति … Read more

फिर से बच्चे बन जाएं

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. चलो चलते हैं बचपन के गाँव में, ममता की गोद में,पीपल की छांव में। फिर खेलें वो खेल,फिर चलाएं अपनी रेल, वो लुका-छुपी और पोशम्पा की जेल। वो कागज की नाव,कागज का जहाज, रंग-बिरंगी ये पतंगें,वो कागज के साज। आओ चलो फिर बच्चे … Read more

प्रदूषण

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* हर तरफ मचा हाहाकार है रोगग्रस्त हर परिवार है, कोई खाँसता,कोई आँखों से बेकार है पड़ी जिस पर भी प्रदूषण की मार है। धूम-धड़ाका खूब मनाई दीवाली है कृषकों ने भी जला डाली पराली है, हर तरफ घुटन,साँसों में चुभन, दिन धुँआ-धुँआ है,रातें भी काली-काली हैं। सड़कों पर … Read more

दीए हम जला लेंगें

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* कुछ दीए तुम ले आना,कुछ बाती हम बना लेंगें, डाल तेल प्रेम का,दीए हम जला लेंगें। जब तक लौ प्रेम की जलती,रोशन जहाँ रहेगा, नोक-झोंक की खट्टी-मीठ्ठी तकरारों से बुझते दीयों की लौ बढ़ा लेंगें। दीए हम जला लेंगें…॥ गमों के सागर में दर्द की लहरें हैं, गर … Read more

भारत का शेर

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* राष्ट्रीय एकता का दूसरा नाम सरदार पटेल है। एक ऐसा व्यक्तित्व,जिसने यह साबित कर दिया कि व्यक्ति जन्म से नहीं,कर्म से महान होता है। अगर पटेल जी प्रथम प्रधानमंत्री बने होते,तो देश की स्थिति कुछ और होती। कश्मीर पाकिस्तान में न होकर हिन्दुस्तान का अंग होता। सरदार पटेल … Read more

जलाओ दीप हजार

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* आया रोशनी का त्यौहार,मना लो बारम्बार, आया दीवाली का त्यौहार,जलाओ दीप हजार। जगमग जहां हो जाए,रहे न कहीं अंधकार, ज्ञान की ज्योति,प्रेम की ज्योति और ज्योति सम्मान की, आधार शिला हो हर परिवार कीl राम ने दस शीश काट रावण के,किया रावण का उद्धार, आज फिर वक़्त है … Read more