आएं गजानंद

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *************************************************************** सुख करता दुःख हर्ता आएं गजानंद, मंगलमूर्ति मंगल कर्ता आएं गजानंद। लम्बोदर,एकदंत,विघ्नहर्ता आएं गजानंद, मूषक सवार होकर रिद्धि-सिद्धि साथ लेकर आएं गजानंद। खुशियां अपार भर के ढोल-नगाड़े साथ लेकर आएं गजानंद, मस्ती में मस्त होकर उमंगों की थाल भर के आएं गजानंद। बिगड़े हुए काम बनाने,भक्तों के संकट मिटाने … Read more

बाल मन का कौतूहल

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ पिताजी एक सन्दूक नुमा यंत्र लाये,उसे घर लाकर उन्होंने ऊंचे स्थान पर टांग दिया तथा एक लंबी-सी चमकदार डंडी खींची तो वह लम्बी हो गयी। फिर एक तारों वाली जाली घर के बाहर दो खूंटियों पर बांध उसमें एक तार बांधकर उसे लम्बी डंडी के ऊपरी छोर पर लपेट … Read more

क्या से क्या हो गए लोग..

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *************************************************************** बड़े मतलबी और मगरुर हो गए हैं लोग, दौलत के नशे में चूर हो गए हैं लोग। साथ मनाते थे जो हर तीज और त्यौहार, आज मन में मैल रख नीम और बबूल हो गए हैं लोग। भाई,भाई को पूछता नहीं बेटा बाप से डरता नहीं, मन को बंजर … Read more

पापियों के विनाश तथा धर्म स्थापना के लिए हर युग में प्रकट होते हैं जगद्गुरु

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने का आरंभ पुरातन काल से ही है। भादौ माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर इसे मनाया जाता है। इस दिन मटकी फोड़ प्रतियोगिता करने के साथ-साथ विभिन्न स्पर्धाएं भी की जाती है। चल समारोह का आयोजन किया जाता है,प्रसाद भी … Read more

काश!ऐसा होता

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *************************************************************** गमों से चूर दिल के लिए, कहीं से थोड़ी खुशी भी मांग लाता। मुरझाए फूलों से जिंदगी के लिए, कहीं से थोड़ी खुशबू भी मांग लाता। सूखे यौवन के लिए, उड़ते पत्तों की हरियाली लाता। अपने विराने को सजाने के लिए, कहीं से बाहर भी मांग लाता। बेचैन आँखों … Read more

माल खाये माटी का,गीत गाये बीरा के

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ प्रथम चरण में राष्ट्रीय नेतृत्व ने शानदार कार्य किया। उसका परिणाम द्वितीय पारी भारी बहुमत के साथ शुरू करने का आदेश मिला तो अब आमजन की भावना के अनुरूप देश की समस्याओं को चुस्त-दुरुस्त करने का अभिजीत प्रयास चल रहा है। १९४८ में कबायली और पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत … Read more

भाषा नीति पर ढुलमुलता छोड़ मजबूती से आगे बढ़ने की बेला

डॉ.विनोद बब्बर नई दिल्ली **************************************************** भाषा जीव के मानव बनने की दिशा में प्रथम कदम कहा जा सकता है। आरंभ में संकेतों की भाषा रही होगी जो कालांतर में शब्द संवाद में परिवर्तित हुई। हर परिस्थिति परिवेश एक-दूसरे से अपरिचित और भिन्न था,इसलिए हर मानव समूह ने अपने ढंग से कुछ शब्द संकेत बनाये। एक-दूसरे … Read more

हमारा बजट

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ आम बजट की तैयारी थी शासन-प्रशासन स्तर पर गहमागहमी वाला माहौल था। आज का बजट कैसा होगा ? घाटे का या मुनाफे का,यह आमजनों के बीच चर्चा का विषय था। ठेले पर एक सब्जी विक्रेता सब्जी बेच रहा था,जो सुबह से शाम तक यही सुनता रहा कि आज बजट … Read more

एक विश्लेषण-उपन्यासों में ग्रामीण जीवन

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ उपन्यास आधुनिक युग की उपज है,उपन्यास वास्तविक जीवन की काल्पनिक कथा है। मुंशी प्रेमचंद के शब्दों में “मैं उपन्यास को मानव जीवन का चित्र मात्र समझता हूँ। मानव चरित्र पर प्रकाश डालना और उसके रहस्यों को खोलना ही उपन्यास का मूल तत्व है।” न्यू इंग्लिश डिक्शनरी अनुसार-“वृहद आकार गद्द्याख्यान … Read more

महिला अत्याचार-हैंडल और पाने..सोच बदलने की जरुरुत

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ पुनः समाचार पत्रों में एक हृदयविदारक घटना पढ़ने को मिली। शल्यक्रिया में मोटर साईकल का हैंडल निकला और कोख को भी निकालना पड़ा….l निर्भया कांड हम अभी भी भूले नहीं हैं। पूर्व में भी महिला अत्याचार,हत्या के क्रूरतम तरीके देखने सुनने और पढ़ने को मिले हैं। ऐसा लगातार हो … Read more