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‘तापान्तर’ के लिए ‘साहित्य क्रान्ति सम्मान’ से ‘ राम’ अलंकृत

इन्दौर(मध्यप्रदेश)।

फूलों की वर्षा और साहित्यकारों की आरती से विवेकानंद जयंती पर इन्दौर स्थित प्रीतमलाल दुआ सभागृह में इन्दौर साहित्य सागर संस्था के पांचवें साझा संग्रह ‘नशामुक्ति सागर’ का विमोचन कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर इसमें शामिल ‘तापान्तर’ के लेखक कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ को ‘साहित्य क्रान्ति सम्मान’ से अलंकृत किया गया।
सभागार में विमोचन के दौरान साझा संग्रह के सवा सौ से अधिक रचनाकारों ने कविता,दोहा,लघुकथा,व्यंग्य तथा निबंध के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किए। कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ की लघुकथा ‘तापान्तर’ भी इस साझा संग्रह में समाहित है,जो आज की युवा पीढी़ पर तीखा व्यंग्य है। इसके लिये श्री त्रिपाठी को ‘साहित्य क्रान्ति सम्मान’ से अलंकृत किया गया।
वरिष्ठ कवि सरोजकुमार,श्रीअष्ठाना,राजकुमार वर्मा,यश भंडारी, त्रिपुरारीलाल शर्मा जैसे साहित्यविदों के बीच विमोचन समारोह में महामहोपाध्याय श्रीयुत मिथिला प्रसाद त्रिपाठी ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। आपने कहा कि,कविता होना भी कुछ होना है ..सत्यं शिवम् सुंदरम…और परम वैभव की और ले जाने वाले साहित्य की रचना करें।

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