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‘कोरोना’ ने बताई अहमियत

आरती जैन
डूंगरपुर (राजस्थान)
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प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष……..

‘कोरोना’ ने प्रकृति
की बताई एहमियत,
मानव भूल गया था
कुदरत की कीमत।

प्रकृति के पंच तत्वों
ने मानव बनाया है,
और मानव ने प्रकृति के
तत्व को प्रदूषण से सताया है।

‘कोरोना’ प्रकृति का
दिया एक श्राप है,
मानव ने सालों से
जो किया पाप है।

प्रकृति को अगर
आप समझोगे दास,
तो मानव होगा
तेरा अंत और नाश।

शहरों में दिखती थी
खुशियों की छाँव,
कोरोना ने याद दिलाया
क्या होता है गाँव!

हमारी संस्कृति में सूरज,
और गंगा को करते हैं नमन।
प्रकृति का थाम लो हाथ,
हर कोरोना का करेंगे दमन॥

परिचय : श्रीमती आरती जैन की जन्म तारीख २४ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थली उदयपुर (राजस्थान) हैl आपका निवास स्थान डूंगरपुर (राजस्थान) में हैl आरती जैन ने एम.ए. सहित बी.एड. की शिक्षा भी ली हैl आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को दूर करना हैl आपको लेखन के लिए हाल ही में सम्मान प्राप्त हुआ हैl अंग्रेजी में लेखन करने वाली आरती जैन की रचनाएं कई दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छप रही हैंl आप ब्लॉग पर भी लिखती हैंl

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