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अंजू मोटवानी के साहित्य में लोक चेतना के स्वर-प्रो.शरद नारायण खरे

काव्यांगन के आयोजन में कवयित्री ने किया एकल काव्यपाठ

मंडला(मप्र)।

लोकप्रिय वॉट्सएप समूह ‘काव्यांगन’ ने बुधवार को ऑनलाइन एकल काव्यपाठ का आयोजन किया। कार्यक्रम में जानी-मानी कवियित्री अंजू मोटवानी(नोएडा) ने सुमधुर काव्यपाठ किया। मुख्य अतिथि
साहित्यकार प्रो. शरद नारायण खरे (मण्डला) मौजूद रहे।
इस आयोजन की अध्यक्षता जाने-माने साहित्यकार डॉ. बृजेंद्र वैद्य(रायपुर)ने की। प्रारम्भ में अंजू मोटवानी ने माता शारदा की वंदना से शुरुआत की और फिर कई गीत-ग़ज़लों से कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान की। आपने दोहा छंद में माता सरस्वती से बहुत अच्छा वर मांगा। एक दोहा देखें-‘करते तुमको हैं नमन,दे दो हमको ज्ञान। जीवन में खुद पर कभी,हो न हमें अभिमान॥’ अंजू मोटवानी ने ग़ज़ल पेश करते हुए कहा-‘ये वक्त चाल हमको भी चलना सिखा गया,नादां थे हम सयाना-सा हमको बना गया।’ मंच के सदस्यों ने आपकी रचनाओं की भूरि-भूरि सराहना की।
कार्यक्रम में मुख्य-अतिथि प्रो. खरे के साथ विशिष्ट अतिथि पत्रकार सुरेशचंद्र पांडेय, (प्रयागराज) रहे। कार्यक्रम का संचालन कवियित्री अनिता मंदिलवार ‘सपना’ (अंबिकापुर) ने किया। प्रस्तुतकर्ता और निर्देशक गीतकार-पत्रकार राजकुमार धर द्विवेदी रहे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. खरे ने कहा कि अंजू मोटवानी का लेखन उत्कृष्ट है,उनके काव्य में हमें लोक चेतना के स्वर सुनाई देते हैं। अध्यक्ष डॉ. वैद्य,श्री द्विवेदी,कामना मिश्रा, पूनम दुबे,आशा पांडेय ने भी कार्यक्रम की सराहना की। वरिष्ठ साहित्यकार अशोक श्रीवास्तव और रामलाल सिंह परिहार ने भी अंजू मोटवानी के काव्यपाठ की सराहना की। कार्यक्रम में रंजना मिश्रा,सुमन सोनी और निर्मला सिंह परिहार की भी मौजूदगी सराहनीय रही। आभार-प्रदर्शन राजकुमार धर द्विवेदी ने किया।

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