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ये मिट्टी है हिंदुस्तान की

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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इस मिट्टी को वंदन करूँ,ये मिट्टी है बलिदान की,
खेतों में लहराती हरियाली ये मिट्टी किसान की।
अब तो मंगल की यात्रा करते भारत माँ के बेटे,
चाँद पर तिरंगा लहराते ये मिट्टी है विज्ञान की॥

जाति,धर्म,भेद है,फिर भी ये मिट्टी है मुस्कान की,
पूजा,वंदना होती इस मिट्टी की ये भगवान की।
हर सुख-दु:ख में लोग एक-दूजे के काम आते आज,
भेद मिटा कर अपना बनाते ये मिट्टी इंसान की॥

ये धरा है सन्त,मुनियों-ऋषियों के तप के ज्ञान की,
ऐसी धरा है सभ्यता और संस्कारों के गान की।
इस मिट्टी पर ही बहती पावन नदियाँ,खड़ा हिमालय,
ये हमारी पावन मिट्टी है सारी हिंदुस्तान कीll

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

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