नीलू चौधरी
बेगूसराय (बिहार)
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श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष……….
प्रखर वक्ता प्रखर नेता,
प्रखर हर काम था करता।
रचा भी गीत वह अनुपम,
अटल कवि था हृदय था नम।
हुआ अनुराग भारत से,
किया फिर ब्याह भारत से।
समर्पित कर दिया तन-मन,
लुटाया देश पर जीवन।
इरादा नेक था उसका,
भरोसा कर पड़ोसी का।
बढ़ाया हाथ था अपना,
कि टूटा शांति का सपना।
झुकाया दुश्मनों को तब,
दिया धोखा उसी ने जब।
अटल था रत्न भारत का,
बना सिरमौर भारत का॥