रोहित मिश्र,
प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)
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फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष…
होली के रंग में अपने चले संग,
फागुनी बयार में मन में उठे उमंग
साथ में हो तुम,और लिए रंग,
गुलाल के रंग,फूलों की सुगंध
तेरी चुनर उड़े पवन के संग,
तुझे देखकर हुआ मैं दंग
मन में उठे ढेरों तरंग।
होली के रंग में अपने चले संग,
पिचकारी के साथ बाल्टी भरे रंग
सूखे गुलाल,उड़े तेरे संग,
साथ में रंग,पीकर मैं भंग
हुआ मदमस्त साथ तेरे संग,
हुआ मैं साथ टोली के संग
नाचा मैं यार प्रिया तेरे संग।
होली के रंग में अपने चले संग,
फागुनी बयार में मन में उठे उमंग॥