मंजिल को पा जाओ
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** पाना चाहो मंजिल को तो,लक्ष्य साध कर कार्य करो, सत्य मार्ग पर चलो हमेशा,जग में अपना नाम करो। कर्म करो तुम सच्चे दिल…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** पाना चाहो मंजिल को तो,लक्ष्य साध कर कार्य करो, सत्य मार्ग पर चलो हमेशा,जग में अपना नाम करो। कर्म करो तुम सच्चे दिल…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** दीन-हीन हम बालक माता,पास तुम्हारे आए, दया करो हे अम्बे माता,और कहाँ हम जाएं। विपदा में हम पड़े हुए हैं,अब तो हमें बचाओ,…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** हुई भोर अब देखो प्यारे,पूर्व दिशा लाली छाई, लगे चहकने पक्षी सारे,गौ माता भी रंभाई। कमल ताल में खिले हुए हैं,फूलों ने ली…
प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** देखो माँ मैंने आज अपना बसेरा बनाया, तिनका-तिनका जोड़-जोड़ अपना घर बनाया। कभी भूखा न रहने देती,खाना रोज लाती थी, तुम नहीं खाती थी…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** जीवन को तुम जीना सीखो,किस्मत को मत कोस। खुद बढ़ कर तुम आगे आओ,और दिलाओ जोश॥ सुख-दु:ख दोनों रहते जीवन,हिम्मत कभी न हार।…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** घोर घटा जब नभ में छाये,अंधकार छा जाता है, बादल गरजे बिजली कड़के,मोर नाचने आता है। जंगल में यह दृश्य देखकर,मन मयूर खिल…
प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** आओ साथियों दीप जलाएं, मिलकर हम खुशियां मनाएं। दीपक से रौशनी जगाएं, अंधियारे को दूर भगाएं। एक-एक दीप जलाकर हम, जग में उजाला लाएं।…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** अम्बे जगदम्बे माता,लाली चुनरी लाया हूँ, भर दे झोली मेरी माता,शरण आपकी आया हूँ। दुष्टों का संहार करे माँ,अष्ट भुजी कहलाती है, कोई…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** जीवन को तुम जीना सीखो,हर पल खुशी मनाओ जी। चाहे कितने संकट आये,कभी नहीं घबराओ जी॥ सिक्के के दो पहलू होते,सुख-दु:ख आनी-जानी है।…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** मंदिर में तू पूजा करके,छप्पन भोग लगाये। घर की माँ भूखी बैठी है,उसको कौन खिलाये। कैसा तू नालायक है रे,बात समझ ना पाये।…