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अंधेरे से नहीं डरती

सुनीता उपाध्याय`असीम`
सिकन्दरा(उत्तरप्रदेश)
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किसी का दु:ख नहीं मैं दूर कर सकती जहाँ में,
गरीबों को गले से मैं लगा लेती हूँ लेकिन।

कभी भी मोह-माया पर भटकता ध्यान है तो,
वहाँ से ध्यान अपना मैं हटा लेती हूँ लेकिन।

छिपाने की सुनूँ मैं बात कोई जो किसी से,
तभी से पेट में उसको पचा लेती हूँ लेकिन।

कभी पूरे नहीं होते मेरे जो…ख्वाब देखूँ,
उन्हीं के रात में सपने सजा लेती हूँ लेकिन।

अंधेरे से नहीं डरती कभी…जो हो गया तो,
जिगर अपना तभी मैं तो जला लेती हूँ लेकिन॥

परिचय: सिकन्दरा(आगरा-उत्तरप्रदेश)निवासी  का साहित्यिक उपनाम-`असीम` हैl आपकी जन्मतिथि-७ जुलाई १९६८ तथा जन्मस्थान-आगरा है।वर्तमान में आवास विकास कॉलोनी(सिकन्दरा,आगरा) में रहती हैं। एम.ए.(संस्कृत) तक शिक्षित सुनीता उपाध्याय `असीम` की लेखन विधा-ग़ज़ल,मुक्तक, कविता और दोहे हैं। आप ब्लॉग पर भी लेखन में सक्रिय हैंl ‘असीम’ की उपलब्धि-हिन्दी भाषा में  विशेषज्ञता होना है। कार्यक्षेत्र में आप गृहिणी हैंl  कुछ पत्रिकाओं में आपकी ग़ज़लें प्रकाशित होने के साथ ई-मंच पर भी आ रही हैंl आपके लेखन का उद्देश्य-हिन्दी का अधिक प्रचार-प्रसार तथा विकास करना है।

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