ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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उड़ने दो उन्मुक्त गगन में,
हम आजादी के दीवाने हैं
हम पंछी हैं नील गगन के,
हमारे नहीं कोई पैमाने हैं।
स्वतन्त्र भारत में जीते हैं,
यह अधिकार हमारा है
फिरंगियों की करतूतों को,
मिलकर हमने नकारा है।
पीछे नहीं हटेंगें कभी हम,
कर्त्तव्य पथ पर डटे रहेंगें
नहीं सहेंगें जुल्मों-सितम,
देश की खातिर लड़ते रहेंगे।
सच की तलवार के आगे,
सिर अपना हम झुका देंगे
आँच न आने देंगे देश पर,
हम अपना फर्ज निभा देंगें।
कमर कस ली है हमने अब,
इतिहास नहीं दोहराने देंगे।
आजादी के दीवाने हैं हम,
जीत का परचम लहरा देंगे॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।