कुल पृष्ठ दर्शन : 18

You are currently viewing एक एहसास

एक एहसास

हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
************************************

एक एहसास ही हमारा
सहारा है,
मिलना-बिछड़ना, सुख-दु:ख
के इस साए में तू ही हमारा है
आँखों में यह आँसू
टप-टप कर गिरते हैं,
तेरे चले जाने पर
तू यादों में फिर भी आ जाता है।

जीवन की यह डोर बड़ी नाजुक,
ना जाने कब टूट जाए
में अपने-आपको थामता हूँ,
पर तू आज नहीं मुझे थामने के लिए
आँसू आ ही जाते हैं,
तुझे याद कर के।

मेरी उंगली पकड़ कर,
जब तू चलता था
मैं बहुत खुश होता था,
मेरे कंधे पर बैठना
ऊंचाईयों को छूने को तेरी चाह,
अब अधूरी रह गई।

तू चला गया इस सफर में अकेला,
मेरा साथ छोड़ कर।
मिलना-बिछड़ना सुख-दुख
के इस साए में तू ही हमारा है,
एक एहसास ही हमारा है॥