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गुमराह हो जाते

बबीता प्रजापति ‘वाणी’
झाँसी (उत्तरप्रदेश)
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यदि आप नहीं होते तो…(शिक्षक दिवस विशेष)….

ज्ञान की लौ न जला पाते,
भटकते और गुमराह हो जाते
यदि आप न होते गुरुवर,
कैसे जीवन को समझ पाते।

ज्ञान दिया,
हृदय के तम को मेट दिया
स्नेह दिया,
हृदय को प्रेम भेंट किया।

कैसे घने अंधकार में,
स्वयं को पहचान पाते ?
यदि आप न होते गुरुवर,
कैसे जीवन को समझ पाते॥

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