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जीवन का सुख

प्रो. लक्ष्मी यादव
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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जीवन के दो पहिए हैं सुख और दु:ख। सुख का अर्थ है खुशी। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में अलग-अलग तरह की खुशियाँ होती है। कुछ अधिक धनवान होते हैं तो उन्हें लगता है कि वह सुखी हैं, लेकिन उसे और अधिक धन कैसे कमाना है, उसकी चिंता रहती है। कुछ कम आमदनी में भी ख़ुश होते हैं, पर उसे सारी भौतिक वस्तुओं को हासिल करने की होड़ है। एक गरीब को एक दिन का खाना भी मिल जाता है तो, वह अपने-आपको खुशक़िस्मत समझता है। कुल मिलाकर हर मनुष्य किसी न किसी रूप में खुश है और दुखी भी है। जिसके पास अपार धन है, सभी सुख-सुविधाएँ हैं, वह भी दुखी है तो जिसके पास कुछ नहीं है, वह सब कुछ पाने की होड़ में है।
इस पर एक छोटा-सा किस्सा-मैं २४ साल का सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ। मेरा सालाना वेतन ५८ लाख रुपए है। काम का भी कोई तनाव नहीं है। बेंगलुरू जैसे शहर में सारी सुविधाओं के साथ रह रहा हूँ, लेकिन मैं अकेला पड़ गया हूँ। मेरे सभी दोस्त अपनी जिंदगी में व्यस्त हैं। मेरी कोई मित्र भी नहीं है, जिससे मैं कुछ साझा कर सकूं। मैं अकेलेपन से परेशान हूँ। एक ही तरह की जिंदगी से बोर हो गया है। मैंने इसी कंपनी यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया में से काम शुरू किया था। यहां से छोड़कर दूसरी शोध कम्पनी में जाने को लेकर मुझे प्रस्ताव आया, लेकिन इस शोध कम्पनी अर्थात नई जगह जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। नए मुकाबले लेने से डरने लगा हूँ। मैं अपनी जिंदगी से खुश नहीं हूँ, मैं क्या करूँ ? कैसे खुशी हासिल करूँ ?
सूचना प्रौद्योगिकी के इस पेशेवर ने अपना दर्द साझा किया है। उसके पास सुख के वे सारे साधन हैं, जिन्हें पाने के बाद लोगों को लगता है कि वे खुश रहेंगे। उसके यह कहने के बाद कई लोगों का कहना है कि वे ऐसी ही जिंदगी से गुजर रहे हैं, पैसा है, सुख-सुविधाएं हैं, लेकिन खुशी नहीं है। कई ने कसरत घर जाने से लेकर घूमने जाने तक की कई कोशिश भी की, लेकिन खुशी नहीं मिली। अब इंटरनेट पर बहस छिड़ गई है कि, क्या पैसे से खुशी खरीदी जा सकती है ? यह अलग-अलग शोध है। कुछ कहते हैं कि, रहने के लिए पैसा जरूरी है तो कुछ का कहना है कि पैसों से खुशी नहीं खरीदी जा सकती।
जी हाँ, पैसों से खुशी नहीं खरीदी जा सकती। जीवन की सभी भौतिक वस्तुओं को खरीदा जा सकता है, इससे कुछ पल की खुशी मिल सकती है, पर सुख नहीं खरीदा जा सकता है।

सही मायने में जीवन का सच्चा सुख उसका स्वास्थ्य है, आपका स्वास्थ्य अच्छा है तो सब-कुछ अच्छा है। आपका सुख-दु:ख सब आपका स्वास्थ्य ही है।

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