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ड्रीम गर्ल:छोटी दुकान मीठा पकवान

इदरीस खत्री
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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हँसाती,गुदगुदाती,प्रेम कहानी वाली इस
फिल्म के लेखक-निर्देशक राज शांडिल्य हैं तो अदाकार-आयुष्मान खुराना,नुसरत भरुचा ,मनजोत सिंह,अन्नू कपूर,विजय राज, अभिषेक बनर्जी,राजेश शर्मा हैं।
#गुदगुदाती प्रेम कहानी
मुख्तसर ख्याल समीक्षा से पहले कि
आपने लैला मंजनू,शीरी फरहाद, रोमियो जूलियट,हीर रांझा के बारे में सुना ही होगा,लेकिन वर्तमान समय में एक नया प्रेम पाश्चात्य देशों की देन है प्लेटोनिक लव (अफलातूनी प्रेम)। बता दें कि ये ऐसा प्रेम है,जिसमें जिस्म का मिलना ज़रूरी नहीं होता,बस भावनाएं मिलना चाहिए। फ़िल्म में इसी अदृश्य प्रेम के ज़रिए आपके लिए परिस्थिति जन्य हास्य पैदा किया गया है,जो आपको निश्चित ही गुदगुदाते हुए हँसाएगा भी। आपने कई बार समाचार- पत्र के किसी कोने पर विज्ञापन देखा होगा-‘मीठी बातें’ या ‘करें फ्रेंडशिप’ काल तो यह एक ऐसा संसार है,जहां अकेले इंसान से लड़की मीठी बातें करती है और अकेलेपन को झेल रहा शख्स अपनी हर बात उस फोन वाली लड़की पर उड़ेल देना चाहता है। यह एक काल्पनिक संसार बन जाता है उस शख्स का,इसी विषय को राज शांडिल्य ने बड़े हास्य-रोचक अंदाज़ में फ़िल्म में पिरोया है।
#कहानी
एक बेरोजगार युवक करण(आयुष्मान) लड़की की आवाज़ निकालने में माहिर है,तो रामलीला में सीता के किरदार में फिट बैठता है। उसकी नौकरी एक फ्रेंडशिप काल सेन्टर, जिसका मालिक छोटू(राजेश शर्मा) है,के वहां लग जाती है। अब चूंकि करण लड़की की आवाज़ निकालने में माहिर है,तो वह फोन पर अलग-अलग लोगों को लड़की पूजा बन कर बेवकूफ बनाता है और बात करता है। उसमें चंद लोग खास हैं,जिसमें एक उसके खुद के विदुर पिता(अन्नू कपूर),एक रंग-बिरंगा करोड़पति लड़का,एक शायर मिज़ाज पत्नी से बदहाल पोलिस वाला(विजय राज), प्रेमिका का भाई(विराज),एक बाल ब्रह्मचारी युवक(शशि रंजन)तथा लड़कों के प्यार में धोखा खा चुकी एक लड़की(निधि बिष्ट) भी है। इन सबके साथ चल रहे बवाल के साथ-साथ करण का सच्चा प्रेम डॉली(नुसरत भरुचा) से भी फल-फूल रहा है। ढेर सारा भ्रम,अवसाद,गणित एवं लिंग भ्रम के स्पष्टीकरण के साथ हास्य का अजीबो-गरीब तड़का इस फ़िल्म में। अब ये सब कैसे स्पष्ट होगा,असली प्रेमी कैसे मिलेंगे,टेलीफोनिक प्रेम वाले लोगों से करण उर्फ पूजा कैसे निपटेगी ?,इन सवालों के जवाब के लिए फ़िल्म देखना पड़ेगी,तो देख ही लीजिएगा।
#अदाकारी
आयुष्मान खुराना या तो बेहद बहादुर अदाकार है,या वह खुद को साबित करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का जुनून रखते हैं। यहां भी उन्होंने पूजा वाले किरदार में खुद को बखूबी ढाल लिया। फिर चाहे आंगिक अभिनय हो या चेहरे की भाव-भंगिमाएं (फेशियल एक्सप्रेशन),उन पर लाजवाब काम कर गए हैं। नुसरत के पास सुंदर दिखने से ज्यादा कोई काम था नहीं,उसने वही किया। अन्नू कपूर अनुभव के साथ पारंगत अभिनेता है,जिनका हास्य समय बेमिसाल है। विजय राज वह अदाकार है,जो बिना संवाद के भी पर्दा लूटने का माद्दा रखते हैं। ‘धागाला लागली’ गाने में रितेश की कैमियो सुखद लगता है।
#संगीत
मीट ब्रदर्स ने गाने संगीत में पिरोए हैं। यहां गाने फ़िल्म को आगे बढ़ाने का काम करते नज़र आते हैं,जो किसी भी फ़िल्म के लिए कारगर होते हैं। गाना ‘एक मुलाकात…’ अच्छा बना है, लेकिन ‘रश्के कमर…’ की याद ताजा करता है।
#बजट-प्रदर्शन
निर्माण,वितरण,विज्ञापन मिला कर ३० करोड़ ₹ जो आसानी से निकल जाएंगे।
इस फिल्म का १८००-२००० पर्दों पर प्रदर्शन हो रहा है। पहले दिन ३ से ७ करोड़ की शुरुआत ले सकती है,जो दिन-ब-दिन बढ़ती लग रही है। फ़िल्म १०० करोड़ क्लब में जाने की कुव्वत रखती है,जो शनैः-शनैः पहुँच ही जाएगी।
#शुद्ध मसाला फिल्म
फ़िल्म को राज शांडिल्य ने लिखा और निर्देशन किया है। राज वही लेखक है जो कामेडी सर्कस टी.वी. शो लिखा करते थे। यहां भी उनके एक पंक्ति संवाद गुदगुदाते हुए हँसा देते हैं। बालाजी प्रोडक्शन हाउस के जुड़ने के बाद भी फ़िल्म में अश्लील संवाद या दृश्य नहीं हैं,जो फ़िल्म की रोचकता को बरकरार रखते हुए पारिवारिक बनाते हैं। यह शुद्ध मसाला फ़िल्म है,जो आपको पूरा पैसा वसूल मनोरंजन देगी। ‘साहो’,’छिछोरे’ की सफलता अभी बरकरार है सिनेमाघरों में पर यह फ़िल्म अपना असर दिखा जाएगी और दर्शकों को समेट लाएगी। इस फ़िल्म के साथ एक और बेहद संजीदा विषय की फ़िल्म ‘सेक्शन ३७५’ भी प्रदर्शित हो रही है,परंतु दोनों फ़िल्म के दर्शक वर्ग अलहदा-अलहदा हैं।
#राय
हमारी नज़र में फ़िल्म छोटी दुकान- मीठा पकवान है। इसे साढ़े ३ अंक देना सही होगा।

परिचय : इंदौर शहर के अभिनय जगत में १९९३ से सतत रंगकर्म में इदरीस खत्री सक्रिय हैं,इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग १३० नाटक और १००० से ज्यादा शो में काम किया है। देअविवि के नाट्य दल को बतौर निर्देशक ११ बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में देने के साथ ही लगभग ३५ कार्यशालाएं,१० लघु फिल्म और ३ हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। आप इसी शहर में ही रहकर अभिनय अकादमी संचालित करते हैं,जहाँ प्रशिक्षण देते हैं। करीब दस साल से एक नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं। फिलहाल श्री खत्री मुम्बई के एक प्रोडक्शन हाउस में अभिनय प्रशिक्षक हैंl आप टीवी धारावाहिकों तथा फ़िल्म लेखन में सक्रिय हैंl १९ लघु फिल्मों में अभिनय कर चुके श्री खत्री का निवास इसी शहर में हैl आप वर्तमान में एक दैनिक समाचार-पत्र एवं पोर्टल में फ़िल्म सम्पादक के रूप में कार्यरत हैंl

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