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धरती

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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धरती मेरी मातु है,देखो स्वर्ग समान।
हरियाली चहुँओर हैं,कण-कण में भगवान॥
कण-कण में भगवान,बसे हैं हलधर भैया।
कृष्ण कन्हैया लाल,राम कौशल्या मैया॥
कहे ‘विनायक राज’,कष्ट सारे ये हरती।
बारम्बार प्रणाम,हमारी प्यारी धरती॥

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