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नटखट कान्हा

डॉ.आभा माथुर
उन्नाव(उत्तर प्रदेश)
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कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष……….


चलन लागे कान्हा ठाड़े ह्वै
पल में बाहर,पल में भीतर
जसुमति पाछे धावे,
जो पावें धरती पर पटकें
मोहन मोद मनावें,
ताली बजा-बजा कर हुलसत
झटपट बरतन फेंके
रोकत मैया करकमल गहि
नँद बाबा भी रोकें,
रोक-टोक सों खीझे कान्हा
रोवें मुख फैलाय,
ततछन मुख महिं धर्यो माखन
जसुमति लीन्ह मनाय,
बड़े भाग तेरे जसुमति जो
पाई लीला न्यारी,
‘आभा’ कहे निरख यह लीला
जाऊँ मैं बलिहारी।

परिचय–डॉ.आभा माथुर की जन्म तारीख १५ अगस्त १९४७ तथा जन्म स्थान बिजनौर (उत्तर प्रदेश)हैl आपका निवास उन्नाव स्थित गाँधी नगर में हैl उन्नाव  निवासी डॉ.माथुर की लेखन विधा-कविता,बाल कविताएं,लेख,बाल कहानियाँ, संस्मरण, लघुकथाएं है। सामाजिक रुप से कई संगठनों से जुड़कर आप सक्रिय हैं। आपकी पूर्ण शिक्षा फिलासाफी ऑफ डॉक्टरेट है। कार्यक्षेत्र उत्तर प्रदेश है। सरकारी नौकरी से आप प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। साझा संग्रह में डॉ.माथुर की कई रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। साथ ही अनेक रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हैं। सामाजिक मीडिया समूहों की स्पर्धाओं में आप सम्मानित हो चुकी हैं। इनकी विशेष उपलब्धि आँग्ल भाषा में भी लेखन करना है। आपकी लेखनी का उद्देश्य आत्म सन्तुष्टि एवं सामाजिक विसंगतियों को सामने लाना है, जिससे उनका निराकरण हो सके। आपमें दिए गए विषय पर एक घन्टे के अन्दर कविता लिखने की क्षमता है। अंग्रेज़ी भाषा में भी लिखती हैं।

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