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नव संवत्सर आया

हेमराज ठाकुर
मंडी (हिमाचल प्रदेश)
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आओ रे भैया, आओ री बहना, नव संवत्सर आया है,
हमारे पुरखों ने भारत में, नया साल यहीं से मनाया है।

ब्रह्मा ने सृष्टि रची,राम, युधिष्ठिर राज्याभिषेक कराया है,
अंगददेव और संत झूलेलाल, इसी दिन जग में आया है।

चैत्र नवरात्र का शुभारम्भ है भाई, नव संवत्सर मनाया है,
विक्रमादित्य ने विक्रमी संवत को, इसी दिन से चलाया है।

दयानन्द ने इसी दिन ही, आर्य समाज स्थापित किया,
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हेडगेवार, आज जग को दिया।

भूल न जाए नई पीढ़ी, निज संस्कृति को याद करवाया है,
हमारे पुरखों ने सदियों से, नया साल आज से ही मनाया है।

रक्त में रवानगी,मौसम में दिवानगी, लेकर यह पर्व आया है,
चारों ओर हरियाली ही हरियाली का आलम छाया है।

फैसले है लहलहाती, तरु है फूले, वन पांखी कुल चहचहाया है,
कुदरत के कण-कण ने मानो, आज नव संवत्सर मनाया है॥

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