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प्रथम विजेता बने डॉ. रामकुमार झा ‘निकुंज’ एवं रत्ना बापुली

स्पर्धा…

इंदौर (मप्र)।

हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा निरन्तर स्पर्धा कराने की कड़ी में ६६ वीं स्पर्धा का विषय ‘नारी:मर्यादा, बलिदान और हौंसले की मूरत’ रहा। इस स्पर्धा में पद्य वर्ग में डॉ. रामकुमार झा ‘निकुंज’ एवं गद्य वर्ग में रत्ना बापुली पहले विजेता बने हैं।
मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने यह परिणाम घोषित करते हुए बताया कि हिंदी साहित्य अकादमी (मप्र) से अभा पुरस्कृत, १ राष्ट्रीय कीर्तिमान एवं ८ सम्मान प्राप्त १.५१ करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में निर्णायक मंडल ने पद्य वर्ग में प्रथम हेतु डॉ. निकुंज (दिल्ली) की रचना ‘नारी रूप अपार’ को श्रेष्ठतम पाया है। इसी क्रम में देवन्ती देवी चंद्रवंशी (झारखंड) की रचना ‘नारी और मर्यादा’ को द्वितीय एवं ‘जोश भरी कविताएं हैं’ पर विजयलक्ष्मी विभा (उत्तरप्रदेश) को तीसरा स्थान मिला है।
श्रीमती जैन ने बताया कि, मंच की संयोजक डॉ. सोनाली सिंह, परामर्शदाता डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदी (मप्र), मार्गदर्शक डॉ.एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’, सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार), विशिष्ट सहयोगी एच.एस. चाहिल (छग) और प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।
आपने बताया कि, स्पर्धा के अंतर्गत गद्य वर्ग में ‘नारी की यात्रा और सफलता’ रचना पर रत्ना बापुली (उप्र) ने सबको पीछे छोड़ दिया और प्रथम विजेता बनीं तो प्रो. लक्ष्मी यादव (महाराष्ट्र) ‘हर दिन हर समाज करे नारी का सम्मान’ रचना पर द्वितीय स्थान पर आई हैं।

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