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मैं नारी हूँ…

मोनिका शर्मा
मुंबई(महाराष्ट्र)
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यदि उसूलों की अस्मिता से मेरा सर गौरवान है,
मैं नारी हूँ! मैंने अपना स्वाभिमान ओढ़ रखा है।
प्रतिबंध का दायरा लांघा है मैंने अगर,
मैं नारी हूँ! मैंने अपना अस्तित्व पुनर्जीवित किया है।
कोमलता की वाणी है यदि मेरी शख्सियत में,
मैं नारी हूँ! दुर्गा का अक्स भी मैं।
हूँ मादकता का जऱिया अगर,
मैं नारी हूँ,रूधिर में बहता ज़हर भी मैं।

जग की सृजक मैं,प्रलय की आभासी मैं,
प्रेम का विवरण मैं,अच्युत की दासी मैं।
ममता का प्रतीक मैं,परिवार की ढ़ाल मैं,
अन्नपूर्णा भी मैं ही, हूँ स्वाधीन और साकार मैं।

हूँ श्रंगार की मूरत मैं,तो विधवा-अभागी भी,
लक्ष्मी हूँ मैं अगर,कहो मुझे मलिन नहीं।
स्वतंत्रता सेनानी मैं,इतिहास की कहानी मैं,
व्यथा की बलि मैं,शक्ति की धारक निराली मैं।

ज्ञान की सरस्वती मैं,हूँ रोशनी का आगार मैं,
अपने मान की विनती नहीं,हूँ रक्षक मैं।
मैं नारी हूँ!,
मुझसे तुम और तुमसे मैं॥

परिचय-मोनिका शर्मा की जन्म तिथि १४ मई २००४ तथा जन्म स्थान राजस्थान हैL इनका निवास नवी मुंबई में हैL यह फिलहाल नवी मुंबई स्थित विद्यालय में अध्ययनरत है। उपलब्धि औरंगाबाद में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए फुटसाल खेल में प्रथम स्थान और हिंदी भाषण प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर आना है। हिंदी-अंग्रेजी में कविता,कहानी और निबंध लिखने की शौकीन सुश्री शर्मा की मुख्य रुचि लेखन ही है।

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