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सबसे बड़े अभिनेता को सबसे बड़ा पुरस्कार

डॉ. स्वयंभू शलभ
रक्सौल (बिहार)

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अपने देश में दादा साहब फाल्के अवार्ड अभिनय के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार है,जिसे देश के सबसे बड़े अभिनेता को दिये जाने की खबर सुनकर हर किसी को एक सुखद अनुभूति हो रही है। चार दशक से भारतीय सिनेमा का अहम हिस्सा रहे अमिताभ बच्चन को यह सम्मान प्रदान किये जाने की घोषणा ने असंख्य लोगों को आनन्दित और गौरवान्वित किया है। कोई सदी का महानायक ऐसे ही नहीं बनता। असफलताओं के बीच सफलता की राह तलाशना,जीवन के संघर्षों से सीखना और हर संघर्ष के साथ खुद को निखारने का नाम है अमिताभ बच्चन। जिस उम्र में लोग काम से अवकाश ले लेते हैं,वे तय से हट कर अपने नये-नये किरदारों पर प्रयोग करते नजर आते हैं। दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे होते हैं,जो अपने जीवन काल में ही मिथ बन जाते हैं। फीनिक्स पक्षी की तरह हर बार फिर से खड़े होने की उनकी जिजीविषा ऐसा ही एक मिथ गढ़ती है। अपने व्यक्तित्व,अभिनय कौशल और व्यवहार कुशलता की बदौलत वे पुरानी पीढ़ी से लेकर आज की पीढ़ी के दिलों में बसते हैं। ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के जरिये घर-घर में हिंदी भाषा की मिठास को पहुँचाने का काम भी उन्होंने बड़ी ही खूबसूरती के साथ किया है। फिल्म और टी.वी. के माध्यम से हिंदी के संवर्धन की दिशा में उनके योगदान को भी देश याद रखेगा। अंग्रेजी भाषा को अपनी संस्कृति समझने वाला आज का आभिजात्य वर्ग भी उनकी स्तरीय हिंदी भाषा शैली का मुरीद है। मेरे लिए यह अवसर महानायक को बधाई देने के साथ साथ उनके पूज्य पिताजी एवं खुद उनके साथ जुड़े कुछ संदर्भों को याद करने का भी है,क्योंकि १९८० के दशक में डॉ. हरिवंशराय बच्चन के साथ मेरा लगातार संपर्क बना हुआ था। साहित्यिक विचारों के आदान-प्रदान के साथ परिवार का कुशल-क्षेम भी होने लगा था। अमिताभ जी की बीमारी,अमेरिका में इलाज,स्वास्थ्य में हो रहे सुधार आदि बातें भी वो मेरे साथ साझा करने लगे थे। उनके द्वारा प्रेषित ३८ पत्रों में से कई पत्रों में अमिताभ जी और उनके स्वास्थ्य का जिक्र आता है। बहरहाल,वे देश विदेश में करोड़ों लोगों के प्रेरणा स्रोत हैं और हमेशा ही सर्वोच्च सम्मान के अधिकारी हैं। ईश्वर की कृपा उन एवं पूरे परिवार पर सदैव बनी रहे। हार्दिक बधाई…अमित शुभकामनाएं।

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