कुल पृष्ठ दर्शन : 267

कुछ तो बात है उनमें

संजय जैन 
मुम्बई(महाराष्ट्र)

********************************************

कुछ तो बात है उनमें,
तभी लोग उनके हो जाते हैं।
अपने-अपने प्यार का
इजहार करने,
गुलाब का फूल लेकर
बार-बार सामने जाते हैं।
भले ही कुछ बोल न सके,
पर अपनी बात गुलाब
दिखा कर समझाते हैं।
और अपनी चाहत को,
उन्हें दिखाते हैंll

कमबख्त ये दिल भी,
कुछ ऐसा ही है।
जो बार-बार उनको,
धड़कनों में पुकारता है।
और कहता है कि अब,
देदे दवा या जहरl
दिल से तुझे पाने आए हैंll

मोहब्बत करने वाले,
कभी भी डरते नहीं।
जो जमाने से डरते हैं,
वो मोहब्बत कर सकते नहीं।
इतिहास मोहब्बत का देखो,
अनारकली-सलीम नजर आएंगे।
मोहब्बत होती है क्या वो बतलाएंगेll

मोहब्बत की खातिर अनारकली,
जिन्दा चुनवाई जाती है।
और मोहब्बत की कहानी को,
हमेशा के लिए जिंदा रख जाती है।
क्योंकि,मोहब्बत नहीं देखती,
राजा और रंक को।
ये तो दिल से निभाई जाती है…,
बस दिल से निभाई जाती हैll

परिचय–संजय जैन बीना (जिला सागर, मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। आपकी जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६५ और जन्मस्थल भी बीना ही है। करीब २५ साल से बम्बई में निजी संस्थान में व्यवसायिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ ही निर्यात प्रबंधन की भी शैक्षणिक योग्यता है। संजय जैन को बचपन से ही लिखना-पढ़ने का बहुत शौक था,इसलिए लेखन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अपनी लेखनी का कमाल कई मंचों पर भी दिखाने के करण कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के एक प्रसिद्ध अखबार में ब्लॉग भी लिखते हैं। लिखने के शौक के कारण आप सामाजिक गतिविधियों और संस्थाओं में भी हमेशा सक्रिय हैं। लिखने का उद्देश्य मन का शौक और हिंदी को प्रचारित करना है।

Leave a Reply