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साँसें कुछ दिन की मेहमान

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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ये साँसें कुछ दिनों की ही मेहमान है,
ज़िंदगी इतनी थोड़ी न आसान है ?

जीना-मरना ये कुछ दिनों का है सफ़र,
फिर भी जीवन करता कितना परेशान है ?

हौंसलों के पंखों में सोच नई भरकर,
आज मंज़िल के सफ़र की ये उड़ान है।

कब सुबह कब शाम रोज रात है आती,
अंधेरी रातों में भी कुछ मुस्कान है।

ग़म भी हार गया छोड़ दी जब ज़िंदगी,
किया क्या जिंदगी ने वही तो पहचान हैll

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैL वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैL यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

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