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सब जीतें ‘कोरोना’ वार…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’
बूंदी (राजस्थान)
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लम्हें ये भी गुजर जाएंगे,
कष्ट उदासी को सह के।
जीवन फिर जीने को मिलेगा,
जो रहे, ‘कोरोना’ से बच के।

कभी युद्ध में ताकत से बढ़,
होशियारी अच्छी होती है।
आ बैल अब मुझे मार तू,
ना कभी वीरता होती है।

घर में रहे जो सुरक्षित है,
स्वयं और परिवार के साथ।
एक गलती भी पड़ेगी भारी,
यदि बिगड़ गई बनती बात।

मुँह-मास्क और सोशल-डिस्टेंस,
ये ही है राम-बाण उपाय।
काम चलेगा न डरने से,
सतर्कता ही बस तुम्हें बचाए।

मौत-बीमारी अपनों को दे,
अनजाने मत घात करो।
देश एकता बलवती करके,
‘कोरोना’ से एकसाथ लड़ो।

हेल्थ-हाइजीन,साफ-सफाई,
इसके लिए अचूक हथियार।
खुद समझें सबको समझाएँ,
हो जाएगा बेड़ा पार।

अनुशासन और ‘तालाबंदी’ से,
मंजिल को हम पा लेंगे।
एक-एक जां,बहुत कीमती,
कितनों को ही बचा लेंगे।

‘योद्धा कोरोना’, ‘आज के ईश्वर’,
सम्मान करें सब बारम्बार।
‘अजस्र’ करे सबको आह्वाहन,
आओ सब जीतें कोरोना-वार॥

परिचय–आप लेखन क्षेत्र में डी.कुमार’अजस्र’ के नाम से पहचाने जाते हैं। दुर्गेश कुमार मेघवाल की जन्मतिथि-१७ मई १९७७ तथा जन्म स्थान-बूंदी (राजस्थान) है। आप राजस्थान के बूंदी शहर में इंद्रा कॉलोनी में बसे हुए हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर तक शिक्षा लेने के बाद शिक्षा को कार्यक्षेत्र बना रखा है। सामाजिक क्षेत्र में आप शिक्षक के रुप में जागरूकता फैलाते हैं। लेखन विधा-काव्य और आलेख है,और इसके ज़रिए ही सामाजिक मीडिया पर सक्रिय हैं।आपके लेखन का उद्देश्य-नागरी लिपि की सेवा,मन की सन्तुष्टि,यश प्राप्ति और हो सके तो अर्थ प्राप्ति भी है। २०१८ में श्री मेघवाल की रचना का प्रकाशन साझा काव्य संग्रह में हुआ है। आपकी लेखनी को बाबू बालमुकुंद गुप्त साहित्य सेवा सम्मान-२०१७ सहित अन्य से सम्मानित किया गया है|

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