प्रकृति और हम

एस.अनंतकृष्णनचेन्नई (तमिलनाडु)******************************* प्रकृति प्यार करेगी तो,हमारा जीवन शांति पूर्ण।प्रकृति कुपित है तो अशांति,कारण हैं हम मानव। नदियों में, झीलों में,मोरी का पानीपहाड़ों पर इमारतों की संख्या,झीलों में मिट्टी भरकर बनती…

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झाँसी की रानी

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** इन पायल में है झनक कई,फिर चूड़ी खन से खनक गयी…। धन्य-धन्य वीर वीरांगना,अंग्रेज, मुगल धूल चटाईनाज भारती करती जिन पर,थर-थर कांपते आतताई।रणचंडी बन कर जिन्होंने,तलवार निकाली…

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क्यों कन्हैया ?

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** त्रिलोकी नाथ तुम, सकल अधिष्ठाता,चराचर जगत के बस तुम ही रचयियाजन्म से निर्वाण पर्यन्त कष्ट ही कष्ट,अपने भाग्य में क्यों लिखे कन्हैया ? जन्म कारा में,…

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देश नहीं बँटने देंगे

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* हे हमारे भाग्य विधाता, हे भारत,हम-सबका, माता तुझे नमनहे भारत के वीर शहीदों, करते हैं,हम सबका आपको चरण वन्दन। आओ सब मिलकर करें प्रतिज्ञा,लेकर मन में…

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खुशियाँ पाएं ‘मित्रता’ के बीज बोकर

ललित गर्गदिल्ली************************************** एक-दूसरे से जुड़े रहकर जीवन को खुशहाल बनाना और दिल में जादुई संवेदनाओं को जगाना है तो उनके लिए एक रिश्ता है दोस्ती का। मित्र, सखा, दोस्त, चाहे…

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काश! ऐसा हो…

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** यदि कलुष, कालिमा मिट जाए,रवि-सा उजियारा छा जाएभारत फिर आर्यावर्त बने,पथ सारे जग को दिखलाए। यों तो यह अपना देश कभी,धार्मिक तत्वों का वेत्ता थाषड्यंत्रों को, दुष्कृत्यों…

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समय के साथ चलते हैं प्रेमचंद के पात्र, कथ्य

गोष्ठी.. मेरठ (उप्र)। प्रेमचंद बिरले साहित्यकार हैं। प्रेमचंद के पात्र, कथ्य, घटनाएं समय के साथ चलते हैं। साहित्यकार कालजयी मुद्दों को उठाते हैं, इस रूप में प्रेमचंद मानवीय संवेदना के…

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तिरंगा अपनी शान

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* तीन रंग से रंगा तिरंगा,अपने देश की शान हैइसके लिए अनेक वीरों ने,दिया अपना बलिदान है। त्याग तपस्या और बलिदान,तिरंगे की यही पहचानभारत माँ…

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देशभक्ति की रचनाओं से श्रद्धा सुमन अर्पित

इंदौर (मप्र)। विचार प्रवाह साहित्य मंच द्वारा अगस्त क्रांति दिवस पर रचना गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें रचनाकारों ने देशभक्ति और वीर रस से ओत-प्रोत कविता, गीतों और अन्य रचनाओं…

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लेखिका चकित करती है विषयों की विविधता से-डॉ. दवे

विमोचन... इंदौर (मप्र)। लोक व भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों को सहेजते हुए अपनी विलक्षण लेखन शैली व विषयों की विविधता से लेखिका चकित करती है। सामान्य वस्तुओं पर ऐनक…

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