प्रकृति और हम
एस.अनंतकृष्णनचेन्नई (तमिलनाडु)******************************* प्रकृति प्यार करेगी तो,हमारा जीवन शांति पूर्ण।प्रकृति कुपित है तो अशांति,कारण हैं हम मानव। नदियों में, झीलों में,मोरी का पानीपहाड़ों पर इमारतों की संख्या,झीलों में मिट्टी भरकर बनती…