भटकी है जिन्दगी

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** रोज नयी पीड़ाएँ,रोज नयी त्रासदी,चिन्ता के जंगल में भटकी है जिन्दगी। सिकुड़न के घाव बने,भूखों के पेट परजीने के अर्थ मिटे,किस्मत की स्लेट पर।चेहरों से लोप हुई,आशा की ताजगी…॥ जजवाती अंधड में,अब किसकी खैर हैभाई का भाई से,आखिर तक बैर है।बजती है शाम सुबह,द्वन्दों की दुंदुभी…॥ पहचानी जाय नहीं,शक्ल गुनहगार कीसच हो या … Read more

कोरोना:त्यौहार से अधिक जरुरी जिन्दगी

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)************************************************** ‘कोरोना’ संक्रमण सभी के लिए बहुत ही चिन्ता का विषय है। आवश्यकता यही है कि इस बीमारी से बचने के लिए जो भी सावधानियाँ बताई गई हैं, उसका हम कठोरतापूर्वक पालन करें। किसी भी हालत में मुँहपट्टी (मास्क) बिना न निकलें और ‘सामाजिक दूरी’ का भी अक्षरशः पालन करें।जैसा कि दुर्गा … Read more

‘कोरोना’ काल में संजय कौशिक ने गढ़ा नया ‘विज्ञात शक्ति’ छंद,२०० साहित्यकारों की सहमति

सरगुजा(छत्तीसगढ़)। ‘कोरोना’ काल में नए छंद का आविष्कार हरियाणा समालखा के छंद मर्मज्ञ संजय कौशिक ‘विज्ञात’ ने कर दिखाया है। २०० रचनाकारों की उपस्थिति में हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान के मुखारविंद से इस नूतन छंद का ‘विज्ञात शक्ति छंद’ नामकरण किया गया।इस नवीन छंद को सहर्ष मान्यता देने हेतु ‘कलम की … Read more

माता रानी करती मुराद पूरी

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** करे जो पूजा और भक्ति,नवरात्रि के दिनों मेंऔर साधना करते हैं,माता की उपासना करकेतो मिलता है शुकुन,उसे अपने जीवन मेंऔर हर इच्छा,हो जाती उसकी पूरी।माता के ९ रुपों को,जो ९ दिन पूजते हैंउसको हर रूप का,दर्शन साधना में दिखता हैऔर माता रानी उसकी,हर मुराद पूरी कर देती हैक्योंकि वो माँ होती है,इसलिए … Read more

दृष्टिकोण

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)********************************************* पिछले वर्ष नवरात्रि में रायपुर अपने भैया के घर गई थी। दोपहर का समय था,गेट में कुछ बच्चों की आवाज़ सुनकर मैं भी भाभी के साथ बाहर निकली तो देखा,कुछ लड़कियाँ बाहर खड़ी थी। उनमें से एक ने भाभी को देखते ही कहा-“आँटी कुँवारी खिलाओगी क्या ? कब आएं हम लोग..?”तो जवाब में … Read more

कैसे बिसरा दूँ उन यादों को

नताशा गिरी  ‘शिखा’ मुंबई(महाराष्ट्र)******************************************************** कुछ शब्द पिरो दूँ जज्बातों में,कुछ वक्त मैं निशब्द रहूँ,पिता का जब नाम आए,उस वक्त मैं क्या-क्या कहूँ। उम्र के हर पड़ाव में रिश्तों का मतलब बदला था,बेटी से कब मित्र बनी,नहले पर जैसे वह दहला था। याद है हमें आज भी,सब ताजा-ताजा लगता है,जब उनके पदचिन्हों पर खुद के पद चिन्ह … Read more

कवियित्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ को महादेवी वर्मा सम्मान,१ नव. को अलंकृत

प्रयागराज (उप्र)। साहित्यिक,सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था गुफ्तगू द्वारा वर्ष २०२० के महादेवी वर्मा सम्मान हेतु सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ का चयन उनकी साहित्यिक सेवा के लिए किया गया है। यह सम्मान १ नवम्बर २०२० को हिंदुस्तानी एकेडमी की ओर से प्रयागराज में दिया जाएगा।     संस्था के अध्यक्ष इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने बताया कि,संस्था द्वारा प्रतिवर्ष … Read more

तू साथ दे

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* ये रूह जिस्म से अब निकलना चाहती है,तू साथ दे बाँहों में पिघलना चाहती है। यूँ तो शिक़ायत नहीं है मुझे जिंदगी से,पर ये आज बस तन्हा जलना चाहती है। कोई दरिया का समंदर तो बह जाए आज,ये आँखें आज फिर से बहलना चाहती है। मालूम नहीं क्या ख़लिश है जिंदगी … Read more

शुभ जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ

हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी पूजा अलापुरिया जी का २० अक्टूबर  को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..

चलो इस बार…

मयंक वर्मा ‘निमिशाम्’ गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश) **************************************************** यूँ बात-बात पर लड़ना-झगड़ना,छोटी-छोटी ख़ामियों पर तंज़ कसना।आँखें दिखा कर मेरा मुँह पलटना,गुस्से में तुम्हारा कभी घर से निकलना।पास रहकर दूरियां बहुत देख लीं-चलो इस बार फासलों में नजदीकियां ढूंढते हैं॥ एक छत तो थी,पर दीवारें दायरा बन गयीं,साथ रहकर भी साथ रह ना सके हम।बोला तो बहुत कुछ तुमने … Read more