माँ सबकी रक्षा करो

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* आई संकट की घड़ी,कर संकट से पार।जग कल्याणी माँ करूँ,विनती बारंबार॥ ज्योत जले जगमग सदा,माँ तेरे दरबार।हे माता जगदंबिके,गुण गाए संसार॥ सुमिरन तेरा मैं करुं,कर पूजा दिन…

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अपने जमाने की बात

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* अपने जमाने की बात ही,कुछ खास हुआ करती थीमोहल्ले की हर औरत चाची,ताई,और मामी हुआ करती थीगली का हर मकान,अपना ही घर हुआ करता था।…

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‘सृजन ऑस्‍ट्रेलिया’ द्वारा ३१ को कवि सम्मेलन

ऑस्‍ट्रेलिया। न्‍यू मीडिया सृजन संसार ग्‍लोबल फाउंडेशन के सहयोग से 'सृजन ऑस्‍ट्रेलिया' अंतरराष्‍ट्रीय ई-पत्रिका एवं एनएसएफडीसी के संयुक्‍त तत्‍वावधान में शनिवार ३१ अक्‍तूबर को कवि सम्मेलन आयोजित किया जा रहा…

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वो चिठ्ठी-पत्री वाला प्यार

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************************** वो होती थी बैरन रात,रात,लिखती थी मन की बातlबात-बात में करती थी इज़हार,वो चिठ्ठी-पत्री वाला प्यारll बार-बार कागज को फाड़,फाड़,लिखती थी सौ-सौ बारlबार,आने की करती मनुहार,वो…

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माँ जगत कष्ट हरो

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ (रचना शिल्प:३१ वर्ण, ८,८,८,७ वर्ण पर यति, चरणांत गुरु) माँ जगत कष्ट हरो,सबका कल्याण करो,विपदा से मुक्त करो,हे महिषमर्दिनी। महावतार धारिणी,जगत वरदायिनी,सर्व सुखप्रदायिनी,हे जगत वंदिनी। माँ…

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आत्मनिर्भरता की वादी में इकलौता ‘हींग का बिरवा’…!

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  *********************************************** न तो यह कोई ‘आयटम’ है,और न ही इसमें हिंदू-मुस्लिम वाला रूचिकर सियासी मसाला है,न ही सास-बहू का झगड़ा मिटाने की कोई पहल है,फिर भी यह खबर…

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ये वो देखेंगीं

अलका ‘सोनी’पश्चिम वर्धमान(पश्चिम बंगाल)*************************************** तुम जो दिखाओगे ये वो देखेंगी, तुम्हारी ही आँखों से यह आकाश देखेंगी, रचे गए तिलस्म से जड़ होकर, सोयी है ऐसे जाने कब इनकी, यह…

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बूझ-अबूझ पहेली जीवन

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)******************************************************** सृष्टि करना जीवधारियों की परम आवश्यकता और कर्त्तव्य है। यह सभी जीवों में और मनुष्य मात्र में लागू है। जीवन और मरण प्रकृति के…

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विधि का विधान

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** विधि का चलता यहाँ विधाना।दृश्य अदृश्य विधान महाना॥ कण-कण जग का विधि संचालित।सारा जग विधि पर आधारित॥ सब निमित्त हैं विधि कर्त्ता हैं।विधि सारे जग के…

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तुम दीप जलाना

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*************************************************** (रचना शिल्प:१६/१२,सार छंद) दीपों से तुम दीप जलाना,मन में प्यार जगाना।घर-आँगन महके हर कोना,ऐसा पुष्प खिलाना॥ दूर हटे अँधियारा जग से,फैले ज्ञान उजाला।कर्म साधना हो…

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