‘पराधीनता’ अभिशाप,तो ‘स्वाधीनता’ वरदान

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. ‘पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं’-इस उक्ति का अर्थ होता है कि पराधीन व्यक्ति कभी भी सुख को अनुभव नहीं कर सकता है। सुख पराधीन और परावलंबी लोगों के लिए नहीं बना है। पराधीनता एक तरह का अभिशाप होता है। मनुष्य तो बहुत दूर,पशु-पक्षी भी पराधीनता में छटपटाने लगते … Read more

विश्व कल्याण

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ********************************************************************** मिलाओ नजरें तो इसारे छोड़ दूँ,मिले हौंसला गर तो उमंगें भर दूँदिखाया रास्ता तो मंजिल जोड़ दूँ,तुम अगर साथ दो तो तारे तोड़ दूँ। यह ‘कोरोना’ का रोना है क्या चीज,गर हम हों साथ तो इस दुनिया मेंचीनियों में प्यार और पाक में यार,अब ऐसा भाव कूट-कूट के भर दूँ। … Read more

…और दम्भ दह गये

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)************************************************* घाव ढाल बन रहेस्वप्न साज बह गये।पीत वर्ण पात होचूमते विरह गयेll काल के कपाल परबैठ गीत रच रहा,प्राण के अकाल कविसुकाल को पच रहा,सुन विनाश गान खगरोम की तरह गये।पीत वर्ण…ll फूल शूल से लगेमीत भयभीत छंद,रुक गये विकास नवछा रहा प्राण द्वंद,अश्रु बाढ़ चढ़ रहीडूब बहु ग्राह गये।पीत…ll चाह घनश्याम मनरात … Read more

जीना ही दुश्वार हुआ

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)***************************************************************** जबसे मुझको प्यार हुआ।जीना ही दुश्वार हुआ। अब न यहाँ का भाता कुछ,मन जब से बीमार हुआ। दुर्दिन का है फेर अलग,बैरी कुल संसार हुआ। साथ आया जबसे हमदम,तब से दिल दमदार हुआ। एक सनम के जाने से,रस्ता हर पुरख़ार‌ हुआ॥ परिचय : अब्दुल हमीद इदरीसी का साहित्यिक उपनाम-हमीद कानपुरी … Read more

कभी ढोता नहीं हूँ

डॉ.अमर ‘पंकज’दिल्ली******************************************************************** भीड़ में शामिल कभी होता नहीं हूँ,बोझ नारों का कभी ढोता नहीं हूँ। रात को मैं दिन कहूँ सच जानकर भी,क्यों कहूँ मैं ? पालतू तोता नहीं हूँ। मुल्क़ की बर्बादियों को लिख रहा जो,मैं ही शाइर आज इकलौता नहीं हूँ। झेलता हूँ हर सितम भी इसलिए मैं,हूँ ग़ज़लगो धैर्य मैं खोता नहीं … Read more

आधुनिक हिन्दी के संरक्षक राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन-प्रो. अमरनाथ

हिन्दी के योद्धा…… भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के अग्रणी पंक्ति के नेता राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन का राजनीति में प्रवेश हिन्दी प्रेम के कारण ही हुआ। १७ फ़रवरी १९५१ को मुजफ्फरनगर ‘सुहृद संघ’ के वार्षिकोत्सव के अवसर पर टण्डन जी ने कहा था-“हिन्दी के पक्ष को सबल करने के उद्देश्य से ही मैंने कांग्रेस जैसी संस्था में … Read more

करें जय हिंद नाद

सुकमोती चौहान ‘रुचि’महासमुन्द (छत्तीसगढ़)*********************************************************************** स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. लेकर तिरंगा हाथ,करें जय हिंद नाद,हर पल बढ़ रहा,देश का जवान है।तिरंगा है आन-बान,तिरंगा हमारी शान,इसकी खातिर करें,जान भी कुर्बान है। जय हिंद जयहिंद,जय हिंद जयघोष,सुन कर काँप रहा,शत्रु का कमान है।भारती के लाल हम,चलें सीना तान हम,हमारे दिलों में बसा,प्यारा हिन्दुस्तान है। परिचय–श्रीमती सुकमोती चौहान का … Read more

सुन ले पुकार ओ मेरे साँवरे…

ओमप्रकाश मेरोठाबारां(राजस्थान)********************************************************************* अब सुन ले मेरी पुकार ओ बंसी वाले साँवरे,सब कुछ मैं गया हूँ हार,ओ मेरे साँवरेlअब सुन ले मेरी पुकार… हारे का सहारा है तू सुना है ज़माने से,मुझे भी बचा ले कान्हा अब डूब जाने सेlमेरी नाव की बन पतवार ओ बंसी वाले तू,अब सुन ले मेरी पुकार…ll सीढ़ियां तेरे मंदिर की … Read more

राष्ट्र-वंदना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. भारत माँ के अभिनंदन में,आओ हम जयगान करें।नित्य चुनौती का उत्तर दे,रक्षित माँ की आन करेंll हमने रच डाली नव गाथा,लेकर खडग हाथ अपनेनहीं हटाए बढ़े हुए पग,पूर्ण किये सारे सपनेlमाटी को निज माथ लगाकर,आओ मंगलगान करें,नित्य चुनौती का प्रत्युत्तर दे,रक्षित माँ की आन करेंll शत्रु … Read more

‘विश्वास’ सबसे बड़ी पूंजी

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* सनद रहे कि,विश्वास ही विश्वासघात की जननी होता है। दूसरे शब्दों में विश्वास पर धरती टिकी है। धरती पर आस्था है और आस्था जीवन है। जीवन संसारिक रिश्तों से संभव है।बात रिश्तों की करें तो रिश्ते अनेक प्रकार के होते हैं। जिनमें माता-पिता,बहन-भाई,दादी-दादा,नानी-नाना,बेटी-बेटा,धरा एवं राष्ट्र का रिश्ता प्राकृतिक … Read more