अमर रहे मेरा प्यार…
लीना खेरियाअहमदाबाद(गुजरात)******************************************* तुलसी के पौधे-सा,निर्मल और पावनजाने कब और कैसे,उग आया हैतुम्हारा प्यार,मेरे मन के आँगन। जिसे सींचती हूँ मैं,हर रोज हीबड़े चाव से,स्नेहपूरित नयनों केशीतल जल से। फिर लगा देती हूँ,अपने प्रेम की लालिमा लिएसूर्ख कुमकुम उसे,और चढ़ा देती हूँचुन-चुन कर,सम्पूर्ण समर्पण रूपी अक्षतजिस पर अर्पित कर देती हूँ मैं,नित ही नत मस्तक होअपने … Read more