अभिनन्दन स्वीकारो रफ़ाल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************************************** आया रफ़ाल छाया रफ़ाल,स्वर्णिम भारत शत्रु बेहाल।पुलकित सेना भारत जनता-गद्दारों का फिर से सवाल॥ है शौर्यवीर मानक रफ़ाल,शत्रुंजय मारक बेमिसाल।आतंक दुखी पाकी दुश्मन-चीन वायरस को है मलाल॥ महाकाल प्रलयंकर रफ़ाल,गतिमान गगन द्रुत वेग काल।परमाणु शस्त्र वाहक सक्षम-इतिहास प्रबल गौरव विशाल॥ सेना नभ थल जल लखि रफ़ाल,गदगद मानस मधुरिम रसाल।मन … Read more

प्रेमचन्द श्रद्धा-सुमन

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* मुंशी प्रेमचन्द जयन्ती(३१ जुलाई) विशेष….. धन्य हुआ वह जीवन,जिसने परखा जीवन-संवेदनाओं को छूकर,दिखाया वेदनाएं अंतर्मन;अंतस्थल से खींच-कर,लाया नोंक अपनी कलम। धन्य हुई वह धनपत,नबाब राय की कहानी,प्रेमचन्द रूप में जिसकी,सूरत गई पहचानी;धन्य हुआ वह अजायब,अजायब की निशानी। आठ वर्ष की मातृछाया,बाद की परेशानियाँ,उर्दू-फारसी छात्र-जीवन,दे गई उर्दू कहानियाँ;मनोरंजन से ऊपर … Read more

शांतिपूर्ण समाज के लिए बड़ा खतरा सोशल साइट्स

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ फेसबुक,ट्विटर,गूगल और कई अन्य सोशल मीडिया मंच ने हमारे संवाद करने के तरीके में क्रांति ला दी है। ये मंच आज ज्यादातर बात करने के लिए उपयोग किए जाते हैं,यही नहीं ये सार्वजनिक तौर पर बहुत बड़ा प्रभाव डालते हैं,लेकिन सुरक्षा के उचित नियमों के अभाव में ये अतिसंवेदनशील हैं। तभी तो … Read more

कैद जिंदगी

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************************* हाय तपस बढ़ती जाती है,भाग रहा मन हमें छोड़कर बंद कक्ष में कैद जिंदगी, जाये,बंधन कहां तोड़कर।`कोरोना` यमदूत चतुर्दिक, खड़ा भुजाएं निज फैलायेएक-एक को निगल रहा है, मानव विकल कहां छिप जायेl जर्जर तन के भीतर कैसे, रक्खे साँसें जवां जोड़कर। यह विशाल दुनिया है कैसी, है विषाणुओं से भी छोटी इसमें हर … Read more

कलम सम्राट प्रेमचंद

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** मुंशी प्रेमचन्द जयन्ती(३१ जुलाई) विशेष कलम सिपाही प्रेमचंद ने,मानव चरित्र का आख्यान लिखा।धनपत राय श्रीवास्तव से,प्रेमचंद होजीवन का संपूर्ण व्यवधान लिखा। कलम सिपाही प्रेमचंद ने,समाज में फैली बुराइयों कोदूर करने का संकल्प लिखा। मानसरोवर के ८ भागों में,देकर कहानियों के ३०१ मोतीउस युग का महात्राण लिखा। कलम सिपाही प्रेमचंद ने,मानव चरित्र … Read more

नीर जरूर बचाएँ

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)************************************************* (रचना शिल्प:३२वर्ण (८८८८) प्रतिचरण,१६,१६ वर्ण पर यति चार चरण समतुकांत,चलणांत २२ गुरु गुरु)वर्षा का नीर सहेजेंसंदेश सभी को भेजें,पुनर्भरण कर लोव्यर्थ न नीर बहाएँ। पेड़ लगाओ सब हीमेड़ बनाओ तब ही,खेत-खेत जल कुंडेघर भी कुंड बनाएँ। कूप बावड़ी पोखरभरे नीर वर्षा पर,हर पथ कुण्ड बना,बूंद-बूंद जल लाएँ। बाग-बगीची घर कीअपनी हो या पर … Read more

सकारात्मक सोच के माने

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** सकारात्मक सोच के माने,अच्छाई हर बात में जानें।परम पिता के किये ईशारे,की गहराई को पहचानेंll सकारात्मक सोच जहन में,अगर बो दिया जाता लोगों।शजर वही जब बन जाता है,मीठे फल खिलवाता लोगोंllएक दूसरे पहलू को भी,देखें हम तो बनें सयानें।परम पिता के किये इशारे,की गहराई को पहचानें…. जैसा सोच आचरण … Read more

पत्नी के कटु वचनों से बने तुलसीदास

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष महाकवि गोस्वामी तुलसीदास के जन्म स्थान के सम्बन्ध में विद्वानों में मतभेद हैं,लेकिन प्रचलित रुप से महाकवि तुलसीदास जी का जन्म चित्रकूट जिले के राजापुर ग्राम में माना जाता है। वह ब्राम्हण थे और उनके बचपन का नाम तुलाराम था, … Read more

बात दिल की कहा कीजिये

डॉ.नीलम कौरउदयपुर (राजस्थान) *************************************************** कुछ तो बात दिल की कहा कीजिये,मन की बात मन में न रखा कीजिये। माना के जमाना काबिल-ए-यकीं नहीं,फिर भी किसी को तो मन की बात बताया कीजिये। हर वक्त यूँ मायूसी चेहरे पे जंचती नहीं,बेवजह ही सही कभी मुस्कराया कीजिये। दूसरों में हैं खामियाँ बहुत सब जानते हैं,कभी अपने दिल … Read more

तू तमन्ना की चाँदनी

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) ********************************************************* दोस्तों की महफ़िल में हुस्न की बात चली,हर जुबाँ से तेरे ही नाम की आह निकली। दिल की जुबाँ का हर चेहरा,काश! कशमकश की खामोशी निकली,तू ही ख़ाबों की शहजादी करम-किस्मत की इल्तजा निकली। हर क़ोई दीवाना तेरा,तेरे संग जिंदगी की अर्ज,आरजू का आदमी,हर दिल की तमन्ना की चाँदनी-चाँद निकली।सबकी … Read more