गरीबी है दुश्वारी

रीना गोयलयमुना नगर(हरियाणा)************************************************************* खींच रही है रोज जिंदगी,बोझ विवशता का अति भारी,पर मजबूरी मुझ अनाथ की,बनी गरीबी है दुश्वारी। बिछा हुआ अस्तित्व जमीं पर,ठोकर ही पल- पल मिलती है,मानवता मृतप्राय: हुई अब,निर्ममता दिन भर छलती है।पग-पग मन को शूल बेधते,फिर भी जीना सीख गया हूँ,हूँ गरीब का बालक मैं तो,दर्द निगलना सीख गया हूँ। बचपन … Read more

रखो राम हृदय में सारे

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** श्री मर्यादा पुरुषोत्तम राम,सकल जगत के हैं सुखधामध्यान धरो नित सुबहो-शाम,बन जाते सब बिगड़े काम। आज्ञाकारी मात-पिता के,गुरु आज्ञा को सिर धर केमाँ कैकेई के वचन निभाने,पहुँच गये सहर्ष वन धाम। अवध छोड़ के वन को आये,ऋषि-मुनि सब बेहद हर्षाएहवन होय निर्बाध पूर्ण कस,राक्षस का किया काम तमाम। ऋषि गौतम के … Read more

इसी में पाकिस्तान का भला

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** दक्षिण एशिया में आतंकी गतिविधियों पर संयुक्त राष्ट्र संघ की जो २६ वीं रपट आई है,उस पर सबसे ज्यादा ध्यान पाकिस्तान की इमरान सरकार का जाना चाहिए,क्योंकि इससे पता चलता है कि दुनिया में आतंकवाद का कोई गढ़ है तो वह पाकिस्तान ही है। पाकिस्तान में अल-कायदा और ‘इस्लामिक स्टेट’ के दफ्तर … Read more

दर्द को और दर्द दो…

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** दो मित्र रामलाल और श्यामलाल,शाम को पार्क में हर दिन की तरह मिले। श्यामलाल ने मित्र को देखकर कहा-“यार रामलाल,क्या हुआ ? तुम लंगड़ी घोड़ी की तरह क्यों चल रहे हो। माना कि रिटायर हो गए हो तो,क्या तुम कमजोर भी हो गये हो। रिटायर होने के बाद तो,व्यक्ति … Read more

गलती

अलीशा सक्सेनाइंदौर (मध्यप्रदेश)********************************************************************* प्रिया को नाचने का बहुत शौक था,और इस शौक को वह जुनून की तरह करती थी। दिन-रात नृत्य के अलावा कुछ नहीं सूझता था। एक दिन समाचार-पत्र में एक समाचार आया कि उनके शहर में नृत्य स्पर्धा आयोजित की जा रही है। यह समाचार पढ़कर प्रिया की खुशी का ठिकाना ना रहा,वह … Read more

भक्तिकाल के कवि महान

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************************* महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष (तर्ज-मंगल भवन अमंगल हारी…) हृदय में जिनके राम का वास,रामबोला वो तुलसीदास।भक्तिकाल के कवि महान,वो थे महाकवि तुलसीदास।राम सिया राम सिया राम जय जय राम…ll आत्माराम पिता,माता हुलसीश्रावण सप्तमी जन्मे तुलसी।जन्म समय ३२ थे दाँत,वो थे महाकवि तुलसीदास।राम सिया राम सिया राम जय जय राम…ll … Read more

हिन्दी काव्य में महाकवि गोस्वामी तुलसीदास का ऊँचा स्थान

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदासजी को श्रीराम का अनन्य भक्त माना जाता है। अपने १२६ वर्ष के दीर्घ जीवन-काल में तुलसीदासजी ने कालक्रमानुसार कालजयी ग्रन्थों की रचनाएँ कीं। जैसा कि,नागरी प्रचारिणी सभा(काशी) ने उनकी रचनाओं का उल्लेख किया है,उसके अनुसार- रामचरितमानस,रामललानहछू,वैराग्य-संदीपनी,कलिधर्माधर्म निरूपण, … Read more

संत तुलसीदास:महान व्यक्तित्व और कृतित्व

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************** महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष हिन्दी साहित्यकाश का कविकुल कुमुद कलाधर कविवरेण्य महाकवि गोस्वामी संत तुलसीदास जाज्वल्यमान भास्कर हैं। वे न केवल एक महान् सन्त और भक्ति सागर स्वरूप थे,अपितु वे लोकमंगल के जन-मन सुखदायक समाज सुधारक,दार्शनिक,क्रान्तिकारी प्रचेता और ४० काव्य ग्रन्थों के महान् युगान्तकारी कालजयी … Read more

‘तुलसी’ सूर्य निराला है

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष जन-जन के जीवन को जिसने,मर्यादा में ढाला है।अंधकार को रोशन करता,तुलसी सूर्य निराला है॥ रामचरित मानस लिख करके,इस जग पे उपकार किया।सद्विचार सत्यपथ दिखलाकर,कुरीतियों पे वार किया॥निर्भय किया,स्वयं भू रब की,सत्ता से इनकार किया।कर साकार ब्रह्म की पूजा,धर्मनिष्ठ व्यवहार किया॥दिल में … Read more

हे गुण गायक श्री राम नाम

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* हे महा हृदय, हे अटल सत्य,भव मध्य सिंधु हे गगन इंदुहे महाभाग गौरव हिमगिरि,हे दैन्य द्रवित हे अमर बिंदु। हे भारतीयता अवलंबन,हे ज्ञानवंत हे परम संतहे धर्मपरायण गुग दृष्टा,हे गुणा तीत गौरव अनंत। शोधक वेद,पुराण,उपनिषद,शील हृदय हे अमर अंशहे पथ प्रवीण विज्ञान भानु,हे जगवंदन हे परम हंस। हे विश्व विधायक दीनबंधु,हे गुण … Read more