मीरा और रुक्मिणी

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)****************************************************************** इक मीरा इक रुक्मिणी,एक कृष्ण सरकार।ये याचक सी द्वार पर,उसका है अधिकार॥ विधि सम्मत है रुक्मिणी,मधुसूदन कल्यानी।राजपाट तज आ गई,ये महलों की रानी॥ मधुसूदन के सामने,संकट है…

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कुहू-कुहू बोले रे कोयलिया…

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** कदम्ब की डाल पर डोलती कोयल,पीऊ-पीऊ,कुहू-कुहू बोलती कोयल। सुख-दु:ख में शुभ गीत गाने वाली,थके-मांदे लोगों को झुमाने वाली। इस डाल से उस डाल पर डोलती…

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दुष्ट चीन से क्यों डरना है

रीना गोयलयमुना नगर(हरियाणा)************************************************************* चाइनीज चीजों को छोड़ो,दुष्ट चीन से क्यों डरना है,संरक्षण अब उसे नहीं है,ये ऐलान हमें करना है। कूट चाल चल सहयोगी संग,भेदी बनकर बोता काँटें,'कोरोना' का संकट…

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खत्म किया जाए साल २०२०

नवेन्दु उन्मेषराँची (झारखंड) ********************************************************************* बाबा बोतलदास की गप्प गोष्ठी में साल २०२० पर चर्चा चल रही थी। गोष्ठी में मौजूद प्रत्येक व्यक्ति साल २०२० की समीक्षा अपने-अपने ढंग से कर…

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क्या लेना चाहेंगें आप ?

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* हाज़िर हूँ जनाब,कहिये क्या लेना चाहेंगें आप ?सोना-चाँदी तो हर कोई खरीदता है,आईये मुझसे लीजिए,कुछ ज़ज्बे,कुछ सपने,कुछ दर्द,कुछ आँसू।जी हाँ,बहुत कुछ है मेरे पास,आपके वास्तेमगर आप…

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पशुपालन की बेहतर आजीविका से आत्मनिर्भरता

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ 'कोरोना' संकट के कारण बाहरी प्रदेशों से बहुत से लोग वापस आए हैं और उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाना देश के सामने बड़ी चुनौती है। ऐसे में पशु…

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गुरु:मिले उसे सम्मान

राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’टीकमगढ़(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* आज दिवस गुरु पूर्णिमा,मना रहे हम-आप।इष्ट मंत्र का नित्य ही,करिये मन से जाप॥ गुरु की जो सेवा करे,मिले उसे सम्मान।गुरु की ही आशीष से,बनता शिष्य महान॥…

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प्रकाश-पुंज ‘गुरु’

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** 'गुरु',जीवन कोजो उत्कृष्ट बनाता है।मिट्टी को,जो छू कर मूर्तिमान कर जाता है। बाँध क्षितिज रेखाओं में,नये आयाम बनाता है।जीवन को,जो उत्कृष्ट बनाता है।ज्ञान को,जो विज्ञान तक…

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बदली हुई परिस्थिति में मातृभाषा का महत्व और अधिक-कुलपति डॉ. रेणु जैन

देअविवि में हिंदी पर वेबिनार इन्दौर(मप्र)। संस्कृति को उन्नत बनाने में भाषा श्रेष्ठ माध्यम है। मातृभाषा में अध्ययन-अध्यापन करने से मौलिक विचार उत्पन्न होते हैं। इससे भाषा का शब्द भण्डार…

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दर्द देना आदत तुम्हारी

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** दर्द देना प्यार में आदत तुम्हारी बन गयी है,चोट देना मुस्कुरा कर आदत तुम्हारी बन गयी है।जानता हूँ 'जी' नहीं सकते,हमारे प्यार बिन तुम- आपसी तकरार…

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