सीने में अंगारे
विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** अंगारे धधक रहे हैं सीने में, इन्हें शान्त न कर... कूद पड़े इस जंग में, हमें रोका न कर। लालच नहीं है सत्ता की, न्याय के…
विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** अंगारे धधक रहे हैं सीने में, इन्हें शान्त न कर... कूद पड़े इस जंग में, हमें रोका न कर। लालच नहीं है सत्ता की, न्याय के…
डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** फेसबुक में उस फेसबुक दोस्त से आशा की अच्छी दोस्ती हो गई थी। उसका फेसबुक दोस्त विजय उससे फेसबुक पर प्रेम निवेदन कर चुका था। वह…
सोनू कुमार मिश्रा दरभंगा (बिहार) ************************************************************************* रैन में छाया घनघोर अंधेरा,प्रभात लेकर आया कुहासा, दर्द से तड़पते,करवटें बदलते,मन में लिए विकट निराशा छीन हो चुकी थी,दीन हो चुकी थी उसके…
भानु शर्मा ‘रंज’ धौलपुर(राजस्थान) ***************************************************************** समंदर-सा हृदय समझकर जो तेरा, प्रेम की धारा बहा दी बडे़ चाव से छीन रहा है महक देखिये तो मधुप, खिलते हुए कोई प्रीत के…
रोहित दाधीच कोटा(राजस्थान) ***************************************************** सैनिकों की शहादत इन राजनेताओं पर,बहुत बडा उपकार है। देशभक्ति को राजनीति से जोड़ रहे,राजनीति दलाली का बजार है। कभी नेताओं के पूत जाते क्यों नहीं,सीमाओं…
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** गालियाँ ही गालियाँ हैं,नेताओं के मुख पर। आ के देव भारत को,आप ही बचाईए॥ पायें नहीं तख्तो-ताज,भूल से न मिले राज। लीला कोई ऐसी प्रभु,आप…
हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी कुलदीप पटेल(के.ड़ी.) जी का ०७ अप्रेल को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..
हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी कु. गीता ठाकुर जी का ०७ अप्रेल को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..
अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** देखो आया है चुनाव,नेता घूमे गाँव-गाँव, न देखे वो धूप-छाँव,वोट की ही चाह में। होंठों पर है मुस्कान,खींचे सबका वो ध्यान, ले के वादे…
विजयसिंह चौहान इन्दौर(मध्यप्रदेश) ****************************************************** कालू,भूरू,और गोरिया यथा नाम तथा गुण के साथ रंग-रूप से भी मेल खाते,तीन दोस्त... तीनों कल रतलाम वाले बाबूजी की शवयात्रा में न्यौछावर की गई चिल्लर…