अपना घोंसला
दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* तिनका-तिनका जोड़कर हमने,अपना घोंसला बनाया है। दिनभर चुगते हैं हम दाना- पानी,रात का बसेरा बनाया है। नहीं पढ़ी है कोई इंजीनियरिंग,अपनी चोंच से बनाया…