कभी-कभी मन करता है…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** पँख मेरे हों मैं भी उडूँ, कभी-कभी मन करता है,मुझसे विलग मुझको करूँ, कभी-कभी मन करता है। मैं अपूर्ण या पूर्ण पिंड हूँ, इच्छा तन या मन…

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मैं रंगों का त्यौहार…

डॉ.अनुज प्रभातअररिया ( बिहार )**************************** होली विशेष... कहती होली-मैं, रंगों का त्योहार,मेरी खूबसूरती बेमिसालरंग देती मैं सबके चेहरे को,बनके अबीर-गुलालमैं, होली रंगों का त्योहार। नाज़-नखरे,मान-मनौव्वलयह मेरा उदगार,'बुरा न मानो' कहते…

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जोश से मनाओ त्यौहार

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** होली विशेष.... रंजिशें जो थी बरस में,वह मिटाने आ गयाहोली का त्यौहार देखो,रंग लेकर आ गया। बड़ा ही सुहावन यह,भावमय त्यौहार हैघर, नगर और गाँव बस,उल्लास ही…

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ऐसी होली खेलो यार

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** होली विशेष.... ऐसी होली खेलो यार,कि मिल जाए हमको सबका प्यारयह मानव जीवन की थाती है, यही है जीवन का अधिकार।ऐसी होली… जोड़ना धन-दौलत और प्रतिष्ठा,है…

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अपना घोंसला

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* तिनका-तिनका जोड़कर हमने,अपना घोंसला बनाया है। दिनभर चुगते हैं हम दाना- पानी,रात का बसेरा बनाया है। नहीं पढ़ी है कोई इंजीनियरिंग,अपनी चोंच से बनाया…

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एक एहसास

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ एक एहसास ही हमारासहारा है,मिलना-बिछड़ना, सुख-दु:खके इस साए में तू ही हमारा हैआँखों में यह आँसूटप-टप कर गिरते हैं,तेरे चले जाने परतू यादों में फिर…

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हालात को समझिए

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* हालात को समझ कर जीवन गुजारना है।हर हाल वक्त से हैं बस मन सुधारना है। आगाज़ मिल गया तो अंजाम पर भी होंगे,उस एक पल…

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खुशियाँ अनमोल है

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* खुशियाँ अनमोल हैं,मिल सकती है हर एक कोअगर हम जीएं हर पल को,अनुभव करें हर क्षण को। छोटी-छोटी चीजों में,छिपी है ढेरों खुशियाँउन पलों को संजो…

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लिखता हूँ कविता

  डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* लिखता हूँ कविता काव्य कला, अरुणाचल भाव मन गाता हूँ,शुभकाम मनोहर मधुशाला, अभिराम गीत रच जाता हूँ। रचता जीवन उन्मुक्त कथा, जीवन्त दृष्टि…

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मिल गई मंजिल तो क्या ?

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* मिल गई मंजिल तो क्या ?पहचान अभी बाकी है,मिल गए हैं नए रास्ते,नए तराने मुकाम अभी बाकी है। देखना है अभी जज्बातों को, कोशिश तो अभी…

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