संभालने वाली नारी हो…

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* अस्तित्व बनाम नारी (महिला दिवस विशेष)... नारी,सजती-संवरती…पल-पल बदलती,हर पल मचलतीजैसे धूप-छाँवखुद से निखरती,सजती-संवरतीबहती नदी-सी,चट्टानों के घाव सहती…फिर भी मासूम-सी दिखती,प्यारे से फूलों जैसी सदा खिलती…तुम नारी…

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खुशहाली हो तुम

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** अस्तित्व बनाम नारी (महिला दिवस विशेष)... ममता की मूरत हो तुम,निश्छल प्रेम की सूरत हो तुमतुम ही सृष्टि की रचयिता,शुभ कार्य की जरूरत हो तुम। रणचंडी-महाकाली हो…

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परिंदा दिल

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* 'परिंदा' बना दिल खुदा ढूॅंढता है,रहें दिल में लेकिन जुदा, लापता है। नहीं दिख सके ज़िन्दगी को जहां में,भला ज़िन्दगी से हुई क्या खता है।'परिंदा'…

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कर्ण उवाच…

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* "हे कुँवारी माँ कुन्ती, मैं तुमसे पूछ रहा हूँ-किस पाप की सजा माँ तुम मुझे दे रही हो ?जन्म के साथ ही मुझे पानी…

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कवयित्री अनिता निधि सलाहकार मंडल में शामिल

जबलपुर (मप्र)। प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने हिंदी के प्रचार-प्रसार अभियान में अनिता निधि को सलाहकार मंडल में शामिल किया है। सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने बताया कि,…

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नारी शक्ति महान

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ नारी हम सभी का अभिमान,ज्वाला तो है वहशक्ति बन आगे बढ़ती है वह,माँ, बेटी, बहन, पत्नी का रुपनारी शक्ति महान। वह शिवशक्ति स्वरूपा,वह है भारत…

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कुदरत को चुनौती

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** कुदरत के नियम को चुनौती दे, क्यों सृष्टि को हिलाने चले ?पंच भूतों को ही सृष्टा कह, जड़-चेतन का भेद मिटाने चले ? कहाँ धारण करेगा…

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भय के विचार

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** 'कोरोना' के भय के समय,दुबके हुए थे इंसान घरों मेंमुंडेर पर बोलता कौआ,अब मेहमान नहीं आतासंकेत लग रहे हों जैसे झूठे,टोटके मानो भ्रम जाल में हो फंसे।…

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नया सफर

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* चल दिए हैं नए सफर की ओर,अपनी नई मंजिल को पाने की ओर। कहते हैं पंछी उड़ान भरते हैं परों से,हमने तो उड़ान भरी अपने हौंसलों…

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मैं नारी हूँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मैं हूँ नारी विधि अवतारी,नव सृष्टि सर्जिका जीवन हूँमैं ज्योति धवल विद्या रूपी,सुख वैभव श्री संजीवन हूँ। मैं खुशियाँ जीवन हूँ नारी,नवशक्ति रुप जग…

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