बसंती हवा

सुनीता बिश्नोलिया चित्रकूट(राजस्थान) ****************************************************** इठलाती-मुस्काती गाती,बिन सरगम के गीत, चली बसंती हवा ढूंढने,अपने मन का मीत। तरु की हर डाली छूकर,बागों में चले मचलती, सांय-सांय के सुर में गा,बासंती रंग बिखराती। कोमल-पर्ण फुल्लित पुष्पों से,सजा तरु का गात, हरी-भरी वसुधा पर होती,रंगों की बरसात। पवन बसंती चली खेत में,फूल रही हर क्यारी, सरस रहे खेतों … Read more

सुकून

सुषमा मलिक  रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* लंबे अरसे के बाद आज की रात हम सुकून से सोए हैं, भूलकर सारी दुनिया को फिर से हम खुद में खोए हैं। चैन भी नहीं मिला नींद भी मुक्कमल नहीं थी.., बीत जाती जो घड़ी लगा कि बस वही सही थी..। कुछ बातें थी अनकही कुछ पर तो मैंने … Read more

आत्मजा

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* ‘आत्मजा’ खण्डकाव्य से अध्याय-५ अब यौवन ने ली अँगड़ाई, लगी बिहँसने-सी तरुणाई जैसे बासन्ती बेला में, ललित प्रभाती की अरुणाई। अंग-अंग से लगी छलकने, यौवन की मदिरा अनजाने देख-देख अपनी ही छाया, लगी स्वयं से वह शर्माने। आँखों से आमंत्रण छलके, अधरों से छलकी मुस्कानें वाणी से कविताएँ छलकीं, पग-गति से … Read more

देश के वीरों

संतोष भावरकर ‘नीर’  गाडरवारा(मध्यप्रदेश) *********************************************************** देश के वीरों का हम, सब करते आह्वान हैं। होता स्वदेश पर हर, भारतवासी कुर्बान है। चकाचौंध भरी धरा,  दृष्टि रखते हम विशाल सुख-वैभव तज,पंत पर, सदा होता ध्यान है। परिवर्तन की आंधी का, उदघोष लिए अब मानव ही करता नित-नित, नए उत्थान है। वीरों उठो दृढ़ प्रतिज्ञा कर,  दिल … Read more

शांत हवा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  *********************************************************************************- शीतल मंद समीर एकदम शांत। कहीं से मन में उठता कोई बगुला-सा, दूसरे ही पल सब कुछ शांत। अंतर्मन में उठता हुआ तूफान, अभी कुछ ही दिन तो हुए थे शादी को, एकाएक बह निकली, आँखों से आँसू की धार। छत पर बैठे, मेरे बालों में गजरा गूँथ रहे … Read more

देखो सखी बसंत आया

डॉ.जयभारती चन्द्राकर भारती गरियाबंद (छत्तीसगढ़) *************************************************************************** देखो सखी बसंत आया, कुहरा मिटा,पतझड़ का अंत आया हरीतिमा वृक्ष,नवल पुष्प उमंग से मुस्काया, देखो सखी बसंत आया…। आम्र वृक्ष बौर से लद गये, कोयल कूक मीठी ने दिया संदेश बसंत-सा जीवन हो सबका, देखो सखी बसंत आया…। प्रकृति का सुन्दर रंग भरने, आया मौसम बसंत उल्लास का अंर्तमन … Read more

घातक जाल बिछाये हैं

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************** घर-बाहर या प्लॉट सड़क,हर जगह मौत के साये हैं, हमने ही तो आँख मूँदकर,घातक जाल बिछाये हैं। साफ-सफाई रखकर के,बीमारी दूर भगानी है, जीवन जीने हेतु जरूरी धूप हवा शुचि पानी है। वृक्षों को हम काट-काटकर,बादल दूर भगाये हैं, हमने ही तो आँख मूँदकर,घातक जाल बिछाये हैं॥ ध्यान समय का … Read more

अभिनंदन जी का अभिनंदन

श्रीकृष्ण शुक्ल मुरादाबाद(उत्तरप्रदेश)  ***************************************************************** तुम सीमाओं को लाँघ गए,अरि विमान का करने मर्दन, तुम किंचित भी भयभीत न थे,हे वीर तुम्हारा अभिनंदन। तुम छोटे से विमान पर थे,सम्मुख था उन्नत वायुयान, पर तुममें था साहस अदम्य,वो किया ध्वस्त तुमने विमान। कायरता के सर पर चढ़कर,तुमने कर डाला घोर दमन, हे वीर तुम्हारा अभिनंदन॥ तुम दुश्मन … Read more

मोटे हो गये

डॉ.जियाउर रहमान जाफरी नालंदा (बिहार) *********************************************************************** खाये इतना सुबह से शाम, मोटे हो गये पतलूराम। नहीं ज़रा-सा अब चल पाते, बैठे-बैठे बस सो जाते। जहां कभी भी वो घर से निकले, पूरा जिस्म कमर से निकले। फिर भी कम कुछ हुआ न खाना, हर शादी में लाज़िम जाना। माँ जब कहती कम कुछ खाओ, दौड़ो … Read more

मेरी पाक मुहब्बत..

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) *************************************** वो मेरी तस्वीर को, सीने से लगाकर मुहब्बत करती रही। पर मेरे सामने अपनी, मुहब्बत का इजहार करने से डरती रही॥ रची हुई हाथों की मेहंदी से, मेरे नाम की खुशबू बिखरती रही॥ वो पगली हर रोज, आईने के सामने मेरी याद में संवरती रही॥ देखकर किसी को, इश्क-ए-राह … Read more