श्री बालाजी की महिमा

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** श्री बालाजी की मूर्ति को निहारते,मुस्कुराते भक्त कीखुशियाँ हो जाती दोगुनी,विश्वास हो जाताअब हो जाएगा सभी समस्याओं का निदान।जीवनभर समस्याओं से जूझता औरसामना करता भक्त,थक-हार जाताउसके सपने…

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नई किरन उत्साह जगाए

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** नई सुबह की नई किरन,मन में उत्साह जगाएप्रात: की शीतल पवन,तन-मन में सिहरन छा जाए।बुलबुल चहके फुदक-फुदक कर,आम की डाली लहके।मैं पथिक इस नूतन पथ का,पग-पग…

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करें पर्यावरण संरक्षण

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** घुटन में सबका जीवन है, दुनिया में प्रदूषण,बच्चों से भी अधिक जरूरी, धरती माँ का आभूषणआओ अब आदत में डालें, पेड़ लगाएँ और दूर करें…

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सावन के झूले

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** 'सावन के झूले' झूला राधेय कृष्णन्,रिमझिम बरसे सावन प्रीत बूंदा-बूंदी। सूखी नदी-नाले पानी भर उपलाए,काली घनघोर घटाएं उमड़-घुमड़ाएगर्जन कर बिजली चमक चमकाए,मेंढक टर-टर टर्राए, झींगुर झनक झंझाएदेश…

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सावन की बहार

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** पावन सावन-मन का आँगन... पावन सावन सर्वोत्तम,माह शिव को भाते हैंक्योंकि इस माह में,भगवान शिव धरती परअपनी ससुराल आते हैं। समुंद्र का मंथन इसी,माह में…

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दुस्साहस का जवाब

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** 'कारगिल विजय दिवस' विशेष... यह भारतीय शौर्य और पराक्रम की गाथा है,दुनिया ने देखा है, सबने सराहा हैदुनिया में खलबली मचाई है,सटीक सबक सिखाया हैगौरव के इतिहास की अपूर्व…

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शौर्यवीर आज़ाद चमकता भाल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अति साहस धीरज था, भुजबल भारत माँ का लाल,इतराती आजाद पूत पा, आँसू भर माँ नैन विशाल। पराधीन निज मातृभूमि को, विचलित था वह…

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हर लो कष्ट तमाम, मेरे प्यारे राम

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** सुबह-सुबह नित्य करें माता-पिता को चरण प्रणाम,फिर गुरुवर का ध्यान कर, भजें राम का नामयह महिमा हम देख लें सारे, होंगे अच्छे परिणाम,सफल निखर हो…

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दरिंदगी की हद

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* कैसे दर्द बयां करूं, ये शब्द पूछ रहे हैं,कैसे लिखूं दरिंदगी की दास्तां, कलम पूछ रही हैगलती करे कौन, दर्द कौन भुगत रही है,हे…

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मस्तक ऊँचा रहे तुम्हारा

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* हे भारती पुत्रों, तुम्हारे संग आशीष सदा रहेगा हमारा,करते रहो राष्ट्र हित का कार्य, मस्तक ऊॅ॑चा होगा हमारा। हे भारती तुम्हारे अनेक भाई, सीमा में प्राण…

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