मतलब किसे वतन से है ?
तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ***************************************** गणतंत्र दिवस : देश और युवा सोच... मतलब परस्त दुनिया में,मतलब किसे है वतन से ? अपनी-अपनी जेबें भरते,ईश्वर से भी नहीं हैं डरतेकाम इन्हें बस है…
तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ***************************************** गणतंत्र दिवस : देश और युवा सोच... मतलब परस्त दुनिया में,मतलब किसे है वतन से ? अपनी-अपनी जेबें भरते,ईश्वर से भी नहीं हैं डरतेकाम इन्हें बस है…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* गणतंत्र दिवस : देश और युवा सोच... रचना शिल्प:मापनी २२१ २२२ २२१ २२२ १२ तगण मगण तगण मगण लघु गुरु (लगा) झंडा रहे ऊँचा, आकाश में…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** गणतंत्र दिवस : देश और युवा सोच... आओ सब मिल गुणगान करें,मिले गणतंत्र का सम्मान करेंआज आसमान में तिरंगा लगाएंगे,युवा-बच्चे-बड़े मिल झण्डा फहराएंगे। आज है…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** आज आजादी है हमको मिली तो,दिलाई शहीदों और वीर जवानों नेसीमा के प्रहरी जवानों की वजह से,सुरक्षित हैं हम अपने मकानों में। है उदगार हमारे क्या…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* भारत माँ की आज़ादी को, बहुत यहाँ क़ुर्बान हुए।गोरों से लड़कर के सारे,देशभक्त संतान हुए॥ हमने रच डाली नव गाथा,लेकर खडग हाथ अपनेनहीं हटाये बढ़े हुये…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** आधुनिकता बंटाधार किया, खान-पान की सुचिता को,देखा-देखी पर रुचि खाते, परे रखे निज रुचिता कोठूंसे इतना पेट में माल, पचन तंत्र हुआ विद्रोही,इस कारण रोगी बन भटके,…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* अम्मा की शिक्षा सासरे ले जाना बेटी तुम साथ में,अब पिता तुम्हारे दे दिए हैं, तुमको पति के हाथ में। बचपन से तुमको मिली है शिक्षा,…
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* प्रकृति और खिलवाड़... ओ मानव जरा देखो चक्षु से,तड़पती हूँ वर्षों से मैं प्रकृतिसमझो मुझे अपने हृदय से,हूँ सदा समर्पित तुम्हारे लिए। मिटाती तुम्हारी प्यास…
अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** आज तुम बहुतनामी-गिरामी हो,हर महफिल में चर्चेहोते हैं तुम्हारे,तुम्हारी कामयाबी के किस्सेतुम सुनाते हो,जो बैठे होते हैं सामने। एक बात हर बारभूल जाते हो तुम,तुम्हारी कामयाबी मेंशामिल हैं…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक)*********************************************** सदा अथक संघर्ष ने, माँ भारत के त्राण।आत्मबल विश्वास दे,कर सुभाष निर्माण॥ भारत माँ का लाड़ला, महावीर सम पार्थ।मेधावी था अति प्रखर, दानवीर परमार्थ॥ मेरूदंड…