बरसे हरदम हरि कृपा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** जय श्री कृष्ण (भाग-२)... बरसे हरदम हरि कृपा, मन में अति आनंद।खो जाऊँ हरि प्रेम में, छोड़ जगत के फंद॥ तन में हरि का वास…

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नैतिकता के पथ चलो

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नैतिकता के पथ चलो, तभी बनेगी बात।जीवन तब होगा मधुर, पाये तू सौगात॥ नैतिकता के संग हैं, दया,मनुजता,नेह।मन को पावनता मिले, पुलकित होती देह॥ नैतिकता को…

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रिश्ते-नाते साधन लोभ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************** कौन किसे पहचानता, है किससे अनजान।कारज जिससे जब सधे, अपनापन मेहमान॥ वक्त तकाजा समझ बस, बने वक्त अनजान।हाव भाव लखि अपर जन, चले वक्त…

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मानवता मरती

पायल अग्रवालमुजफ्फरपुर (बिहार) ******************************* कब तक अबला बनती श्रद्धा, टुकड़े में कटती।जाग-जाग सोये अब तुम सब, मानवता मरती॥ तोड़े विश्वास प्यार पल में, क्या तुमको मिलता।शोभा होती तेरे घर की,…

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मेरी माँ

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************** माँ तू जन्मदायिनी मेरी तू मेरा संसार है।मुझको लाई इस दुनिया में मुझ पर ये उपकार है॥ किलकारी सुनकर के मेरी माँ का मन हर्षाया था,ले…

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इस तरह भी तो आया करो

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* करम का इधर भी तो साया करो।कभी इस तरह भी तो आया करो। ज़रा प्रेम से पेश आया करो।नहीं रोज़ नख़रे दिखाया करो। लहू…

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एक सवाल…

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** दौड़ता!तेज रफ़्तार से,आधुनिकता का घोड़ापरम्पराओं को भूलकर,पगडंडियों के सहारे।एक सवाल ?पहुंच पाएगा,अपनी मंजिल तकया फिर,बीच राह में।अस्त हो जाएगा,सूरज युग का॥ परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान)…

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वक्त की धारा

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** यह वक्त की धारा है,समय और काल भी कहलाता हैपथ प्रदर्शक बनकर,सदैव सही राह बताता है। प्रवाह है कभी सीधा,कभी टेढ़ा बन जाता हैसमय-समय पर अपनी,नयी फितरत से कुछ…

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वीरों की गाथा भारत माँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** मन मचल रहा है लिखने को,वीरों की गाथा भारत माँगुलज़ार चमन भारत स्वर्णिम,आतंक व्यथा हिय भारत माँ। निज सैन्य सबलता लिखने को,पुरुषार्थ सफलता भारत…

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सर्द भरी रात

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* सर्द भरी रात आजकरें कैसे काज आज।अंग सभी काँप रहेअलाव लगाइए॥ ओढ़ते रजाई सबशांत चुप बैठे अब।टप-टप ओस गिरेदेह को छुपाइए॥ खग-वृंद चुपचापदुबके हैं नीड़ आप।विकसित…

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